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शव के लिए भी नहीं खुला आर्मी का गेट, जंगल के रास्ते लेकर बढ़े
डिजिटल डेस्कजबलपुर। सीएमएम से लगे रिज बजरिया से निकली शव यात्रा के लिए सोमवार को काफी देर तक हंगामे की स्थिति रही। सेना की तरफ से गेट नहीं खोले जाने से शव वाहन बजरिया तक नहीं पहुँच पाया आखिरकार जंगल के रास्ते शव यात्रा मुख्य मार्ग पर पहुँची तब जाकर शव वाहन हासिल हो सका। क्षेत्रीय लोगों ने कुछ देर गेट पर शव रखकर नारेबाजी भी की।
बजरिया निवासी 44 वर्षीय शिवराज ठाकुर की बीती रात बीमारी के चलते मौत हो गई। छावनी प्रशासन ने शव वाहन तो भेज दिया लेकिन घर तक पहुँचने वाला रास्ता बंद रहा। सीएमएम के गेट के बाहर पहुँचे मृतक के परिजन तथा पड़ोसियों ने गेट खोलने की गुहार लगाई, ताकि दूसरे छोर पर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुँचा जा सके अथवा एम्बुलेंस उनके पास तक आ सके। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि नियमों की सख्ती का हवाला देते हुए गेट नहीं खोले गए। इस संबंध में सीएमएम प्रशासन से चर्चा के प्रयास किए गए लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
एक रास्ता वह भी बंद-
बजरिया निवासी राजा, सूरज, हीरा सिंह का कहना है कि सीएमएम के पास आवागमन के लिए तीन रास्ते हैं जिनमें से एक बंद रखा गया है। दूसरी तरफ बजरिया के रहवासियों को आने-जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था वह भी बंद कर दिया गया है। मजबूरन लोगों को जंगली रास्ते से गुजरना पड़ता है जो घुमावदार के साथ-साथ खतरनाक भी है।
केंट बोर्ड ने की अनसुनी-
इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने छावनी प्रशासन के अधिकारियों के आगे भी फोन पर गुहार लगाई। क्षेत्रीय नागरिक श्रीपाल का कहना है कि अधिकारियों ने हमेशा की तरह उनकी अनसुनी की। इस बात को लेकर लोगों में आक्रोश भी है। पिछले दो वर्षों से ऐसे हालात बने हुए हैं।
Created On :   13 Sept 2021 10:23 PM IST