भेड़ाघाट को वल्र्ड हैरिटेज का दर्जा दिला सकती है मार्बल रॉक्स की खूबसूरती 

The beauty of Marble Rocks can give Bhedaghat the status of World Heritage
भेड़ाघाट को वल्र्ड हैरिटेज का दर्जा दिला सकती है मार्बल रॉक्स की खूबसूरती 
भेड़ाघाट को वल्र्ड हैरिटेज का दर्जा दिला सकती है मार्बल रॉक्स की खूबसूरती 

वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम ने किया निरीक्षण, केन्द्र व राज्य सरकार भी कर रही प्रयास
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
पर्यटन स्थल भेड़ाघाट को प्रकृित ने कई ऐसे उपहार सौंपे हैं जो पूरे विश्व में अद्वितीय व अनूठे हैं। यही सौगातें और विशेषताएँ उसे वल्र्ड हैरिटेज का तमगा दिला सकती हैं। कुदरत से मिली इन धरोहरों को विश्व धरोहर  घोषित करने की कवायद को लेकर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम ने गत दिवस भेड़ाघाट और आसपास के मनोरम स्थलों का निरीक्षण किया। इससे संभावनाएँ अब और भी बलवती हुई हैं।  ऐसा हुआ तो  संगमरमरी वादी के पर्यटन को पंख लग जाएँगे। पूरेविश्व से सैलानी इसका दीदार करने पहुँचेंगे और प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जबलपुर को ऐसे फायदें मिलेंगे, जो शहर के विकास में चार चाँद लगा देंगे।
इन्हें किया गया शामिल 
मार्बल रॉक्स के बीच बहती नर्मदा की धार, लाखों साल पुराने जलोदर, नैसर्गिग सुंदरता और कई पहलुओं को देहरादून से आई टीम ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। हालाँकि अभी ये शुरूआती प्रक्रिया है, इसमें आने वाले दिनों में यूनेस्को वल्र्ड हेरीटेज के मानकों के तहत कई स्तर पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की टीमें भी इसका निरीक्षण करेंगी। लेकिन निरीक्षण के लिए पहुँची वाइल्ड लाइफ देहरादून की टीम का मानना है कि भेड़ाघाट और आसपास के क्षेत्रों की संगमरमरी चट्टानों का आकार और प्राचीनता भेड़ाघाट को विश्व धरोहर होने का दर्जा दिला सकतीं हैं। इस मामले में केन्द्र व राज्य सरकार हर स्तर पर प्रयास भी कर रहीं हैं। 
ये हैं यूनेस्को के नियम 
यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) के मापदंडों के तहत विश्व धरोहर की पात्रता उन्हीं स्थानों को मिलती है िजसमें प्राकृतिक, सांस्कृतिक, मिश्रित व सांस्कृतिक व भौगोलिक स्तर की क्षमताएँ होती हैं। 
विश्व धरोहर घोषित होने के फायदे 
विश्व धरोहर का दर्जा जिन पर्यटन स्थल या प्राचीन भवन-महल को मिलता है, वो जगह यूनेस्को में शामिल 200 से ज्यादा देशों के संगठन की जिम्मेदारी में आ जाता है।  इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ उस जगह की पूरी देखरेख इंटरनेशल लेवल पर होती है। किसी भी प्राकृतिक आपदा या जगह में तकनीकी सुधार के लिए भी लगातार काम किया जाता है। 
भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट में प्राचीन अवशेष 
जानकारों की मानें तो भेड़ाघाट और लम्हेटाघाट में प्राचीन सभ्यता के अवशेष आज भी मौजूद हैं। पूर्व में हुए शोधों में यह बात भी प्रमाणित हो चुकी है कि लमेटियन रॉक्स का अस्तित्व करोड़ों वर्ष पुराना है। विदेशों में भी वैज्ञानिक इसे लमेटियन रॉक्स के रूप में जानते हैं। इसी तरह धुआँधार फॉल के बाद जो संगमरमरी चट्टाने हैं, वे सवा लाख पुराने जलोदर हैं, जो दुनिया में कहीं नहीं हैं।  
इनका कहना है
भेड़ाघाट को विश्व धरोहर के रूप में विकसित करने के तहत वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम ने धुआँधार, लम्हेटाघाट और आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण किया है। टीम को नगर पंचायत की तरफ से माँगी गई सभी जानकारियाँ भी उपलब्ध करा दी गईं हैं। 
 एके रावत, सीएमओ नगर पंचायत भेड़ाघाट

Created On :   8 March 2021 2:05 PM IST

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