नर्मदा का सौन्दर्य - मरीन ड्राइव जैसी होती शाम, भक्ति के भी बरसते रस

The beauty of Narmada - an evening like a marine drive, even the rains of devotion
नर्मदा का सौन्दर्य - मरीन ड्राइव जैसी होती शाम, भक्ति के भी बरसते रस
नर्मदा का सौन्दर्य - मरीन ड्राइव जैसी होती शाम, भक्ति के भी बरसते रस

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मरीन ड्राइव की तर्ज पर पुराने ग्वारीघाट स्टेशन के बाहर और स्वामी पगलानंदजी महाराज के आश्रम के सामने पार्किंग और फिर ग्वारीघाट, दरोगाघाट होते हुए तिलवारा तक पहुँचने के लिए सड़क बननी थी, लेकिन नतीजा सामने है। प्लानिंग पर थोड़ा बहुत भी अमल किया गया होता तो तीज-त्योहारों और वीकेंड भर नहीं, बल्कि हर शाम हजारों लोगों का जमावड़ा लगता। एक तरफ मनोरंजन के इंतजाम जुटाए जाते तो दूसरी तरफ भक्ति भाव की सरिता प्रवाहित होती रहती। 
पार्किंग के बाद नर्मदा रिवर फ्रंट 
ऐसे इंतजाम प्लान किए गए थे कि बंद पड़े ग्वारीघाट स्टेशन के बाहर और सिद्धघाट के समीप तक सामने स्थित मैदान को पार्किंग स्थल में तब्दील किया जाएगा। तटों तक पहुँचने के लिए रिवर फ्रंट का कान्सेप्ट भी लाया गया,  लेकिन जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। लापरवाही की सजा यह है कि लोग वाहन लेकर तटों तक पहुँचते हैं और रोजाना जाम की स्थिति बनती है। 
ग्वारीघाट में ऐसे बनते हैं हालात 
* ट्रैफिक और थाना पुलिस के कर्मचारी मौजूद नहीं होते हैं। 
* हर कोई अपना चार पहिया वाहन नीचे घाट तक ले जाना चाहता है। 
* दोपहिया वाहनों की बेतरतीब पार्किंग मार्ग को सँकरा करती है। 
* विधिवत पार्किंग न होने से रोजाना दो घंटे जाम लगना तय है। 
 

Created On :   18 Feb 2021 4:25 PM IST

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