कब्जों से कराह रहा शहर, सड़कों के किनारे पैदल चल पाना भी मुश्किल

The city is moaning due to the occupation, it is difficult to even walk on the side of the roads
कब्जों से कराह रहा शहर, सड़कों के किनारे पैदल चल पाना भी मुश्किल
कब्जों से कराह रहा शहर, सड़कों के किनारे पैदल चल पाना भी मुश्किल

अतिक्रमणों पर कार्रवाई धीमी हुई तो खुद ही कब्जों से घिर गया नगर निगम व कलेक्ट्रेट के आसपास का इलाका
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
एक समय था कि जब नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता रोजाना निकलता था और दर्जनों अतिक्रमणों को हटाया जाता था। निगम की जेसीबी और अन्य वाहनों को देखते ही अतिक्रमणकारियों में भगदड़ मच जाती थी लेकिन अब इसके ठीक विपरीत हो रहा है। निगम का अमला यदि अतिक्रमणों पर कार्रवाई करता है और उनकी सामग्री जब्त करता है तो कब्जाधारी एक होकर सामग्री लूट लेते हैं और निगम का अमला मुँह छिपाकर निगम की मांद में दुबक जाता है। यही कारण है कि इन दिनों शहर की सड़कें लगातार सँकरी होती जा रही हैं। लोगों को चलने के लिए जगह नहीं मिल रही है। जिन विभागों पर अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी है, ऐसे विभाग चाहे नगर निगम हो या कलेक्ट्रेट खुद ही कब्जों से घिर चुके हैं। कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार हो या फिर पर्यटन निगम की तरफ वाला यहाँ दर्जनों कब्जे हो चुके हैं और इन कब्जों के सामने खड़े होने वाले वाहनों के कारण आवाजाही प्रभावित होने लगी है। नगर निगम के दोनों ओर भी कई ठेले और टपरे लग रहे हैं। हाईकोर्ट के सामने और एल्गिन अस्पताल के मुख्य द्वार पर भी यही हाल है। पहले अतिक्रमणकारी एक छोटी सी गुमटी में ही दुकानदारी संचालित कर लेते थे लेकिन अब तो वे पंडाल लगाते हैं, कुर्सी-टेबल रखते हैं और सड़क, डिवाइडर, फुटपाथ पर बेजा कब्जा कर लेते हैं। इससे शहर की रफ्तार थमने लगी है और लोग आक्रोशित हो रहे हैं।
 सिविक सेंटर में हर तरफ कब्जे 
 सिविक सेंटर कहने को तो नगर निगम के सामने ही है लेकिन इस तरफ निगम ध्यान नहीं देता है और यही कारण है कि अब यहाँ चलने में भी दिक्कत होने लगी है। चौपाटी के पास से जेडीए तक, नगर निगम के सामने से प्रेस कॉम्पलैक्स होते हुए दवा बाजार तक बड़े वाहनों को जाम का सामना करना पड़ता है। 
सिविल लाइन हलाकान 
 शहर का पॉश ऐरिया सिविल लाइन भी अतिक्रमणकारियों से कराह रहा है। रादुविवि के पास अतिक्रमणों की जो शुरूआत होती है वह खत्म ही नहीं होती। नवयुग कॉलेज, डिलाइट, इंदिरा मार्केट, सर्किट हाउस, एम्पायर टॉकीज आदि क्षेत्रों में भी कब्जों की भरमार हो गई है। 
गर्मी में बढ़ जाते हैं कब्जे 
 गर्मी के मौसम में कब्जे बढ़ते नजर आते हैं क्योंकि गन्ने का रस, लस्सी, जलजीरा आदि बेचने वालों की भरमार हो जाती है और सबसे बड़ी बात इन दिनों कब्जाधारी बड़ा सा पंडाल भी लगा लेते हैं जिससे सड़क पर आवाजाही में बाधा उत्पन्न होने लगती है।

Created On :   24 March 2021 2:32 PM IST

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