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ला-निना के प्रभाव से ठिठुर रहा शहर, राहत के आसार भी कम

5.8 डिग्री सेल्सियस पहुँचा न्यूनतम तापमान, दिन में भी कँपकँपाने वाली सर्दी से लोग परेशान
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शीतलहर के प्रकोप से शहर ठंड से ठिठुर रहा है। दरअसल वर्तमान में प्रशांत महासागर में ला-निना का प्रभाव मजबूत स्थिति में आता जा रहा है। इस वजह से उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के आने की संख्या बढ़ गई है। पश्चिमी विक्षोभ जैसे ही उत्तर भारत के पहाड़ों में पहुँचता है, वहाँ बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाती है। इस वजह से इस बार ठंड के तेवर समय के साथ और तीखे होने की भी संभावना बढ़ रही है।
ला-निना को कोल्ड विंटर के लिए जाना जाता है। इसके प्रभाव से वायुमंडलीय हवा के ऊपरी भाग के पैटर्न में बदलाव होने लगता है जिसके कारण पश्चिमी विक्षोभ की संख्या में वृद्धि होने लगती है। उत्तर भारत में वर्षा तथा बर्फबारी की आवृत्ति अधिक हो जाती है। कड़ाके की ठंड पड़ती है। हवाओं का रुख लगातार उत्तरी होने से फिलहाल राहत की उम्मीद भी कम ही है। आलम ऐसा है कि घरों के भीतर गर्म कपड़ों से लदे होने के बावजूद ठंड से सिहरन पैदा हो रही थी। प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में कोई वैदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। इस वजह से वातावरण में नमी नदारद है। इससे आसमान साफ है और कोहरा की भी गायब है। मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है। यही कारण है कि दिन और रात दोनों तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी है।
हरी सब्जियों पर पाला पडऩे की आशंका ऐसा रहा तापमान
रविवार को न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5 डिग्री कम रहा व अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आद्र्रता का प्रतिशत 68 रहा। उत्तरी हवाएँ 3 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही हैं। सबसे कम न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस उमरिया में दर्ज किया गया। मौसम विभाग की मानें तो रविवार से एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है। आवृत्ति कम होने के कारण मौजूदा मौसम के मिजाज पर असर होने की उम्मीद कम है। इस वजह से 24 दिसम्बर तक ठंड के तेवर तीखे रह सकते हैं। शीतलहर के कारण चने, आलू, हरी सब्जियों की फसल पर पाला पडऩे की आशंका बढ़ गई है।
Created On :   21 Dec 2020 1:59 PM IST