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नर्मदा, टमस और केन नदियों के हालात चिंताजनक, दो से 16 मीटर तक खिसका जलस्तर

खतरे की घंटी ; स्टेट वॉटर डाटा सेंटर की रिपोर्ट ; पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो दिसंबर से ही गहरा सकता है कई शहरों में जलसंकट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मानसूनी बारिश की बेरुखी से प्रदेश भर की प्रमुख नदियों का जलभराव चिंताजनक स्तर पर है। स्टेट वॉटर डाटा सेंटर (भोपाल) द्वारा मंगलवार को प्रमुख सचिव जलसंसाधन को जो रिपोर्ट भेजी गई है उसके मुताबिक- प्रदेश की दस प्रमुख नदियों में से नर्मदा का जलस्तर खासे निचले स्तर पर दर्ज किया गया है। इससे साफ है कि अगर बारिश का आंकड़ा अगले 15 दिन में नहीं सुधरा तो, नर्मदा किनारे बसे शहरों को दिसंबर से ही जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है।
बरमान घाट से मोरटक्का तक हालात खराब
बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ जलसंसाधन विभाग बारिश के दौरान प्रतिदिन प्रदेश की प्रमुख दस नदियों का जलस्तर हर चार घंटे में दर्ज करता है। मंगलवार को दर्ज आंकड़ों के मुताबिक नर्मदा के सबसे बड़े घाट माने जाने वाले नरसिंहपुर के बरमान घाट पर 308.57 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया। यह जलस्तर अधिकतम जलस्तर से तकरीबन 14 मीटर कम है। होशंगाबाद के सेठानीघाट और खरगोन के मोरटक्का (नर्मदा) का जलस्तर अधिकतम भराव से क्रमश: 9 व 7 मीटर कम दर्ज किया गया है।
रीवा और पन्ना में 16 मीटर नीचे जलस्तर
रीवा और पन्ना जिलों के लोगों का कण्ठ तर करने वाली टमस और केन नदियां कम बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। रीवा के पटेहरा से निकली टमस नदी अपने अधिकतम जलभराव से 16 मीटर खाली है। पन्ना के पंडवन से निकली केन नदी 13 मीटर से ज्यादा खाली है। ऐसे ही हालात सतना के मैहर से निकली टमस नदी हैं। यहां का जलस्तर अधिकतम भराव 323.90 मीटर से 6.25 मीटर कम दर्ज किया गया है। इसके अलावा रायसेन के नीमखेड़ा से निकली बेतवा 16 मीटर और उज्जैन के नागदा से निकली चंबल नदी का जलस्तर अधिकतर भराव 10.5 मीटर कम दर्ज किया गया है।
दूसरे साल भी नहीं सुधरा मानसून मीटर
बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ के राज्य जल आंकड़ा केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार लगातार दूसरे साल भी मानसून मीटर चिंताजनक आंकड़ों से नहीं उबर सका है। जून से सितंबर 2016 तक दस प्रमुख नदियों के हालात लगभग इस वर्ष जैसे ही थे। 12 सितंबर 2016 को नरसिंहपुर के बरमान घाट का जलस्तर 309.78 मीटर दर्ज किया गया था। सेठानी घाट और मोरटक्का का मीटर भी 285.15 और 156.7 मीटर रिकॉर्ड किया गया था। रीवा की टमस, पन्ना की केन और सतना की टमस नदी का जलस्तर भी क्रमश: 94, 283.35 317.77 मीटर रिपोर्ट किया गया था।
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बांधों का भराव भी चिंताजनक
जलसंसाधन केंद्र में दर्ज आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 17 बड़े बांधों के हालात भी खासे चिंताजनक हैं। कोई भी बांध अब तक अपने फुल भराव के नजदीक तक भी नहीं पहुंच सका है। अधिकतर बांध दो से लेकर 15 मीटर तक खाली हैं।
बांध जिला फुल भराव वर्तमान भराव
बाणसागर शहडोल 341.64 338.72
बरगी जबलपुर 422.76 419.85
राजीव सागर बालाघाट 344.40 396.60
पेंच डायवर्सन छिंदवाड़ा 625.75 623.03
संजय सरोवर सिवनी 519.38 513.35
---- एक्सपर्ट व्यू -----
बेहतर बारिश के लिए गर्म मौसम भी जरूरी
पिछले साल की तुलना में इस बार बारिश कम हो रही है। बेहतर बारिश के लिए गर्म मौसम भी जरूरी है। इस साल मानसून थोड़ा लेट आया, अगस्त में बारिश का लंबा ब्रेक भी कम बारिश का कारण माना जा सकता है। आने वाले दिनों में और बारिश की उम्मीद अभी बंधी हुई है। लोकल सिस्टम के साथ ही बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम से भी बारिश हो सकती है।
- डी.पी. दुबे, पूर्व डायरेक्टर मौसम विभाग
Created On :   14 Sept 2017 1:07 PM IST