- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- 'कोर्ट का काम न्याय करना है, सरकार...
'कोर्ट का काम न्याय करना है, सरकार चलाना नहीं'

डिजिटल डेस्क जबलपुर। शराब ठेकेदार फर्म मे. गुलमोहर ट्रेडर्स और उसके सभी पार्टनरों को डिफाल्टर मानने पर रोक लगाने संबंधी एकलपीठ का 21 फरवरी का फैसला हाईकोर्ट ने सोमवार को पलट दिया है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तल्ख टिप्पणियां कीं। सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने कहा- कोर्ट का काम मुकदमों पर न्याय करने का है। सरकार चलाना या उसके कामकाज में अनावश्यक दखलंदाजी करना नहीं है।् इस मत के साथ युगलपीठ ने अपना विस्तृत फैसला सुनाते हुए एकलपीठ का आदेश खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि भोपाल की मे. गुलमोहर ट्रेडर्स की फर्म में कुल 6 पार्टनर हैं, जिनकी मध्य प्रदेश में करीब 50 से अधिक शराब दुकानें हैं। सरकार ने 28 अप्रैल 2017 को एक आदेश जारी करके 36 लाख की रकम बतौर प्रतिभूति मई 2017 में जमा करने के निर्देश मे. गुलमोहर ट्रेडर्स को दिए थे। ऐसा न करने की सूरत में फर्म का लाइसेन्स निरस्त करके उनकी दुकानों की फिर से नीलामी के भी निर्देश दिए गए थे। इसी परिप्रेक्ष्य में याचिकाकर्ता की दमोह बस स्टैण्ड और सतना के पन्ना नाका के पास मौजूद शराब दुकानों का लाइसेन्स रिन्यू न करने के साथ याचिकाकर्ता फर्म और उसके सभी पार्टनरों को डिफाल्टर घोषित करने का फरमान सरकार ने जारी कर दिया था। हालांकि सरकार ने कहा था कि उन दोनों दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में ई टेण्डरिंग के जरिए याचिकाकर्ता फर्म शामिल हो सकता है। गुलमोहर ट्रेडर्स ने सरकार की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए एक याचिका दायर करके हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की राहत चाही थी।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 21 फरवरी को अपना फैसला देते हुए याचिकाकर्ता फर्म व उसके पार्टनरों को डिफाल्टर मानने पर रोक लगा दी थी। एकलपीठ के इस फैसले को चुनौती देकर जबलपुर के अमन जायसवाल की ओर से यह रिट अपील दायर की गई थी। मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अपीलार्थी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवीश अग्रवाल और अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने एकलपीठ के सामने प्रकरण के ऑफीसर इन्चार्ज द्वारा दी गई सहमति पर कड़ी नाराजगी जताई। युगलपीठ ने एकलपीठ का फैसला विधि सम्मत न पाते हुए खारिज कर दिया। सुनवाई के बाद युगलपीठ द्वारा दिए गए विस्तृत फैसले की फिलहाल प्रतीक्षा है।
Created On :   6 March 2018 1:19 PM IST