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- The death of another lion cub in Tiger Safari - Experts could not even save lives
दैनिक भास्कर हिंदी: टाइगर सफारी में दूसरे सिंह शावक की भी मौत - विशेषज्ञ भी नहीं बचा पाए जान

डिजिटल डेस्क सतना। व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू मुकुंदपुर में 15 दिन पहले शेरनी द्वारा जन्मे गए तीन शावकों में से दूसरे शावक की भी शुक्रवार की रात 10 बजे के करीब मौत हो गई। इसे बचाने के लिए सफारी प्रबंधन ने हर संभव कोशिश की, लेकिन कोई तरकीब काम नहीं आई। मुकुंदपुर सफारी एंड जू के बाड़े में दूसरे शावक ने उस समय दम तोड़ा, जब स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ रिसर्च सेंटर जबलपुर के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डा. एबी श्रीवास्तव पहुंचकर उसका इलाज प्रारंभ कर चुके थे। विशेषज्ञों का कहना है कि शेरनी के शरीर में दूध बनने की क्रिया बहुत धीमी थी और दोनों शावकों को वह पेट भर दूध नहीं पिला पाती थी। इसी कारण से 15 दिनों में उक्त शावक का वजन मात्र 11 सौ ग्राम ही हो पाया था, जबकि इतने दिनों में लगभग ढाई से तीन किलो तक वजन होना चाहिए। मालूम हो कि शेरनी ने 10 अक्टूबर को तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक शावक जन्म के समय ही काफी कमजोर था और वह तीसरे दिन ही चल बसा था। दो शावक दूध पी रहे थे और उस समय स्वस्थ भी थे। उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी और देश के जाने-माने विशेषज्ञों की सलाह भी ली जा रही थी। इसके बावजूद दूसरे शावक को नहीं बचाया जा सका। इनमें से सबसे पहले पैदा होने वाला शावक अभी पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया है किन्तु अकेले शावक के लिए भी शेरनी के थनों से इतना दूध नहीं निकल पा रहा है कि वह पूरी तरह से अपना पेट भर सके।
दी जा चुकी हैं कई दवाएं
सफारी प्रबंधन शुरू से ही यह कोशिश कर रहा था कि तीन शावकों को जन्म देने वाली शेरनी को इस तरह की आवश्यक दवाएं और भोजन दिया जा रहा है, जिससे उसके शरीर में इतना दूध बने कि सिंह शावकों के पेट भरने के लिए पर्याप्त हो जाए। और तो और वह नुस्खे भी अपनाए गए जो महिलाओं को प्रसव के बाद दिए जाते हैं। लेकिन कोई भी तरकीब काम नहीं आई और शेरनी का दूध बढऩे के बजाय क्रमश: घटता चला गया। आज स्थिति यह हो गई है कि एक शावक का पेट भर पाना उसके लिए संभव नहीं हो रहा है। शावक जब दूध पीने के लिए पास जाते हैं तो वह गुर्रा कर दूर भगा देती है।
बीते साल भी जन्मे थे तीन शावक
उक्त शेरनी ने बीते साल भी तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन पहली बार प्रसव होने के कारण शेरनी को अनुभव नहीं था और प्रसव के समय ही जब उसने करवट ली तो तीनों शावक उसी के नीचे दब गए थे। दब जाने के कारण उनके आंतरिक अंग क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ ही घंटों बाद तीनों की मृत्यु हो गई थी। उस समय तो इतना भी समय नहीं मिल पाया था कि सिंह शावकों का किसी तरह का उपचार भी किया जा सके। जब तक सफारी प्रबंधन को इस सच्चाई का पता चला तो देर हो चुकी थी।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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