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वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को, यह देश में नहीं दिखेगा - उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण नहीं होगा सूतक काल

डिजिटल डेस्क जबलपुर । वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई वैशाख पूर्णिमा पर लगेगा। भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सूतक काल भारत में नहीं होगा। पं. रोहित दुबे ने बताया कि चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में रहेगा। ग्रहण दोपहर में करीब 2:12 बजे शुरू होगा और शाम को 7:29 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अलास्का, कनाडा, ओशिनिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। वासुदेव शास्त्री ने बताया कि ग्रहण का असर सभी राशियों पर कुछ न कुछ पड़ता है। मेष, वृष, मिथुन, कन्या और मकर राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ फलदायी रहेगा। पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि किसी भी ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने की सलाह नहीं दी जाती। लेकिन 26 मई को पडऩे वाला चंद्र ग्रहण भारत में उपच्छाया ग्रहण की तरह दिखेगा, जिसके चलते सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिष के मुताबिक सिर्फ उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक महत्व होता है, जिन्हें खुली आँखों से देखा जा सके।
क्या होता है उपच्छाया ग्रहण
पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपच्छाया ग्रहण भी होता है। चंद्रमा जब पृथ्वी की वास्तविक छाया में नहीं आता है और उसकी उपछाया से ही बाहर निकल जाता है, ऐसे ग्रहण को उपच्छाया ग्रहण कहते हैं। उपच्छाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा के रंग और आकार में भी कोई बदलाव नहीं होता है, हालाँकि इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है।
Created On :   24 May 2021 4:48 PM IST