भोपाल सड़क का पहला हिस्सा बनकर तैयार पर मार्किंग अधूरी - 55 किमी के दायरे में थार्मो प्लास्टिक से लेकर जरूरी मार्किंग पूरी नहीं

The first part of Bhopal road is ready but the marking is incomplete - the necessary marking is not complete
भोपाल सड़क का पहला हिस्सा बनकर तैयार पर मार्किंग अधूरी - 55 किमी के दायरे में थार्मो प्लास्टिक से लेकर जरूरी मार्किंग पूरी नहीं
भोपाल सड़क का पहला हिस्सा बनकर तैयार पर मार्किंग अधूरी - 55 किमी के दायरे में थार्मो प्लास्टिक से लेकर जरूरी मार्किंग पूरी नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर । 10 साल की कवायद के बाद जबलपुर से भोपाल फोरलेन सड़क पूरी तरह से भले ही तैयार नहीं हो पाई हो पर इसका पहला हिस्सा लगभग बनकर तैयार है। इस उपयोगी हिस्से के बनकर तैयार होने पर भी अभी लेकिन सड़क में मार्किंग पूरी नहीं हो सकी है। फोरलेन मार्ग की मार्किंग अधूरी होने से दिन में तो कोई परेशानी नहीं लेकिन रात के वक्त इसमें  चलना अभी मुश्किल ही है। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार अधूरी मार्किंग को एक या दो माह में पूरी कर दिया जाएगा। मार्किंग के बाद सड़क 100 फीसदी कम्प्लीट मानी जाएगी। अंधमूक चौराहे वाले हिस्से से अलग हिरण नदी से जबलपुर की ओर इसकी मार्किंग आरंभ की गई है।  गौरतलब है िक जबलपुर से भोपाल तक 301 किलोमीटर के दायरे में फोरलेन का पहला हिस्सा 55 किलोमीटर अंधमूक चौराहे से हिरण नदी तक आता है। इस हिस्से को एमपीआरडीसी जबलपुर बना रहा है। रिकार्ड में जुलाई के प्रथम दिन तक यह सड़क 95 प्रतिशत तक पूरी बनी हुई है। एमपीआरडीसी के एजीएम संतोष शर्मा कहते हैं िक सड़क को दो माह के अंदर पूरा कम्प्लीट कर दिया जाएगा। कांक्रीट वर्क पूरा है, कहीं भी सड़क अधूरी नहीं है पर इसमें मार्किंग पूरी नहीं है जिसका काम विभाग कर रहा है। 
नॉम्र्स के अनुसार ये होना चाहिए 
किसी भी हाईवे में जो हिस्सा बनकर तैयार हो उसमें नॉम्र्स के अनुसार पूरे तरह से सूचना फलक लगे हों। रेडियम मार्किंग किनारे हिस्से में जहाँ जरूरी है वहाँ पर हो। इसी तरह सड़क में थार्मो प्लास्टिक लेबल होना आवश्यक है इसमें ग्लास बीट होना जरूरी है जिससे पूरी मार्किंग रात के समय भी स्पष्ट रूप से वाहन चालक को दिख सके। पूरी मार्किंग होने से हादसों का खतरा कम होता है, पूरे मार्ग में वाहन चलाने वाले को विजन स्पष्ट होता है। 
जबलपुर-भोपाल सड़क का 5 हिस्सों में काम हो रहा।
* पहला जबलपुर अंधमूक चौराहे  से हिरण नदी तक 55 किलोमीटर। 
* इसकी निर्माण लागत है 399 करोड़ रुपए।
6निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी जबलपुर।
* बीच का हिस्सा नरसिंहपुर एनएचएआई के पास।
* शेष 3 हिस्से एमपीआरडीसी भोपाल बना रहा।
* नरसिंहपुर और भोपाल के हिस्से में अभी काफी काम बाकी।
* सड़क पूरी बनी तो 5 घंटे में भोपाल जाना संभव होगा।
 

Created On :   2 July 2021 2:57 PM IST

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