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सरकारी डॉक्टर्स को प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति मामले में सरकार ने पेश किया जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में ड्यूटी ऑवर्स के बाद सरकारी डॉक्टर्स को प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति दिए जाने के मामले में राज्य सरकार ने जवाब पेश कर दिया है। जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने राज्य सरकार का जवाब रिकॉर्ड पर नहीं आ पाने के कारण मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। शाजापुर मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता सुरेन्द्रन और मंडला के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश कुमार की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि उन्हें ड्यूटी ऑवर्स के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति दी जाए। याचिका में कहा गया है कि कोरोना काल में प्रदेश भर में डॉक्टर्स की कमी बनी हुई है। ऐसे समय में सरकारी डॉक्टर्स ड्यूटी ऑवर्स के बाद भी मरीजों का इलाज नहीं कर सकते हैं। राज्य सरकार ने सरकारी डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाकर रखी हुई है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने ग्वालियर क्षेत्र में सरकारी डॉक्टर्स को ड्यूटी ऑवर्स के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस की छूट दी है लेकिन प्रदेश में बाकी स्थानों पर सरकारी डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई है। एक प्रदेश में दो कानून नहीं चल सकते हैं। इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में 15 दिन के भीतर जवाब पेश किया जाए, नहीं तो लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को हाजिर होना होगा। बुधवार को राज्य सरकार ने मामले में जवाब पेश किया, लेकिन जवाब रिकॉर्ड पर नहीं आ पाने के कारण सुनवाई एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई।
Created On :   15 July 2021 3:32 PM IST