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12 साल सजा काटने के बाद युवक को हाईकोर्ट ने उम्र कैद से किया बरी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने 6 वर्षीय बालक की हत्या के आरोप में 12 साल सजा काटने के बाद एक युवक को बरी कर दिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस जेपी गुप्ता की युगल बेंच ने निचली अदालत द्वारा युवक को सुनाई गई उम्र कैद की सजा को खारिज कर दिया है। अपीलकर्ता की उम्र और उसके चाल चलन को देखते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
अभियोजन के अनुसार सीधी के विंध्यनगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत रहने वाला युवक गोपालदास साहू अपने पड़ोस में रहने वाली एक युवती से एकतरफा प्यार करता था। युवक ने युवती से शादी के लिए कहा, लेकिन युवती ने इंकार कर दिया। युवक किसी भी तरह युवती की शादी को रोकना चाहता था। एक जुलाई 2006 को जब युवती की शादी हो रही थी, तो युवक ने युवती के 6 वर्षीय भाई रमेश की गला घोंट कर हत्या कर दी। पुलिस ने 4 जुलाई 2006 को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सुनवाई के बाद निचली अदालत ने 5 जनवरी 2008 को गोपालदास साहू को उम्र कैद की सजा सुनाई।
आरोपी की ओर से हाईकोर्ट में अपील दायर की गई। सुनवाई के बाद युगल बेंच ने आरोपी को बरी कर दिया।
निकाह के 9 माह बाद ही नवविवाहिता ने फांसी लगाई
नया मोहल्ला नूरी होटल के पास एक नवविवाहित फरीन बी नामक महिला ने शादी के नौ माह बाद ही फांसी लगा ली। फरीन का 9 माह पहले ही निकाह हुआ था। पत्नी को रात में फंदे पर झूलता देखकर उसके पति दिलशाद ने उसका फंदा काटकर विक्टोरिया अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में ओमती पुलिस ने जानकारी दी है कि पेंट व पुताई का काम करने वाला दिलशाद काम पर गया था। जब वह लौटा तो उसकी पत्नी फंदे पर झूलती मिली। वह खुदकुशी से संबंधित कोई पत्र भी नहीं छोड़ गई है।
पुलिस का कहना है कि पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद ही फरीन बी ने खुदकुशी कर ली। इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस का यह भी कहना है कि पति पत्नी के बीच में हाथापाई भी हुई थी। पड़ोसियों का कहना है कि पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद होता था।
Created On :   11 Jun 2018 8:41 AM GMT