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हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- अब तक क्यों पकड़ में नहीं आया तेन्दुआ?

डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी करके पूछा है कि पिछले ढाई माह से रामपुर और नयागांव के इलाकों में लोगों की बीच खौफ की वजह बना तेन्दुआ अब तक क्यों पकड़ से बाहर है? चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले पर जवाब पेश करने दस दिनों का समय देकर अगली सुनवाई 20 जनवरी को निर्धारित की है।
नयागांव हाउंसिग सोसायटी में रहने वाले अधिवक्ता आनंद कृष्ण नेमा की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि करीब ढाई माह पहले नयागांव की पहाडिय़ों पर पहली बार तेन्दुआ देखा गया था। उसके बाद से वह लगातार नयागांव और उसके आसपास की पहाडिय़ों पर लगातार दिखाई दे रहा है। वन विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी तेन्दुआ अब भी पकड़ से बाहर है और वहां पर रहने वाले करीब दो हजार लोग खौफ के साए में जीने मजबूर हैं। आवेदक का कहना है कि तेन्दुए की खौफ इतनी ज्यादा है कि अधिकांश लोग तो शाम के बाद से ही घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं। इतना ही नहीं, तेन्दुआ लगातार कुत्तों का शिकार कर रहा है। उसको पकडऩे के लिए वन विभाग द्वारा अब तक अपनाए गए हर हथकण्डे नाकाम साबित हुए हैं। नयागांव और रामपुर इलाके को तेन्दुए के खौफ से मुक्त कराने याचिकाकर्ता के अलावा अन्य लोगों ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। याचिका में मप्र शासन के वन विभाग के प्रमुख सचिव, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, जबलपुर कलेक्टर और जबलपुर के कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट को पक्षकार बनाया गया है।
गुरुवार को याचिका पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजय पाल सिंह और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता हरेकृष्ण उपाध्याय हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर दस दिनों में जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
Created On :   9 Jan 2020 10:44 PM IST