राजस्व मण्डल का एकपक्षीय आदेश हाईकोर्ट से खारिज

The High Court rejects the unilateral order of revenue board
राजस्व मण्डल का एकपक्षीय आदेश हाईकोर्ट से खारिज
राजस्व मण्डल का एकपक्षीय आदेश हाईकोर्ट से खारिज

डिजिटल डेस्क  छिंदवाड़ा जबलपुर । एक महिला की छिंदवाड़ा में स्थित जमीन पर हो रहे निर्माण को हरी झंडी देने वाले राजस्व मंडल के एकपक्षीय आदेश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकलपीठ ने अपना विस्तृत फैसला सुनाते हुए मंडल के आदेश को विधि सम्मत न पाते हुए खारिज कर दिया। अदालत द्वारा सुनाए गए विस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है।
यह याचिका छिंदवाड़ा के गोलगंज में रहने वाली 60 वर्षीय आशा कोठारी की ओर से दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि उनके स्वामित्व की .405 हैक्टेयर जमीन सर्रा ग्राम में है, जो उन्होंने रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के जरिए वर्ष 1985 में खरीदी थी। इसके बाद हुई सीमांकन की प्रक्रिया के बाद जमीन का नामांतरण भी आवेदक के पक्ष में हो गया। अपनी जमीन पर छिंदवाड़ा के ही नवीन दुग्गड़ द्वारा अवैध रूप से किए जा रहे निर्माण की शिकायत आवेदक ने जिला प्रशासन के समक्ष की। एडीशनल कलेक्टर ने 21 नवम्बर 2017 को विवादित जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश सभी पक्षों को दिए थे। इस आदेश के खिलाफ नवीन दुग्गड़ ने राजस्व मंडल में पुनरीक्षण के माध्यम से चुनौती दी। इस याचिका में आरोप था कि राजस्व मंडल ने याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका दिए बिना ही न सिर्फ एडीशनल कलेक्टर द्वारा दिया अंतरिम आदेश वापस किया, बल्कि उनके (एडीशनल कलेक्टर के) समक्ष लंबित पूरी प्रक्रिया ही निरस्त कर दी। राजस्व मंडल के इसी आदेश को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद अदालत ने अपना विस्तृत फैसला सुनाते हुए राजस्व मंडल का आदेश खारिज कर दिया।
व्यापमं घोटाले :डॉ कृष्ण कुमार सक्सेना की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज- व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार इंडैक्स मेडिकल कॉलेज के एडमीशन कमेटी के सदस्य डॉ कृष्ण कुमार सक्सेना की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। आरोपी की ओर से मुख्य आधार यह लिया गया था कि वो पिछले 12 दिन से हिरासत में है और 15 अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिल भी चुका है, इसलिए उसे भी जमानत दी जाए। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि हिरासत की अवधि मात्र 12 दिन होना जमानत पाने का आधार नहीं हो सकती। वहीं मामले में पिछले 32 दिनों से गिरफ्तार भोपाल निवासी डॉ. एसके सदावरते को युगलपीठ ने जमानत का लाभ प्रदान किया है।
सक्सेना की जमानत अर्जी पर हुई सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से दलील दी गई कि आरोपियों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता की दलील थी कि हिरासत की अवधि 30 दिन से अधिक होने के आधार पर 15 आरोपियों को जमानत का लाभ मिल चुका है। उनका मुवक्किल विगत 23 फरवरी से हिरासत में है। ऐसे में समानता के अधिकार के तहत उसे भी जमानत का लाभ दिया जाए। आरोपी की ओर से दी गईं दलीलों को नाकाफी पाते हुए युगलपीठ ने कहा कि हिरासत की अवधि 12 दिन होना जमानत का आधार नहीं हो सकता। इस मत के साथ युगलपीठ ने डॉ. कृष्ण कुमार सक्सेना की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

 

Created On :   9 March 2018 1:41 PM IST

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