नेता चले गए खतरे के निशान छोड़ गए, आड़े तिरछे टँगे होर्डिंग, राहगीरों को कर रहे घायल

The leader left the danger mark, hoardings hung diagonally across the path, injuring passers-by
नेता चले गए खतरे के निशान छोड़ गए, आड़े तिरछे टँगे होर्डिंग, राहगीरों को कर रहे घायल
नेता चले गए खतरे के निशान छोड़ गए, आड़े तिरछे टँगे होर्डिंग, राहगीरों को कर रहे घायल

लापरवाही - नौदराब्रिज के पास एक वजनदार होर्डिग गिरा, बाल-बाल बचे दो छात्र, खतरा बरकरार, खामोशी साधकर बैठे हैं निगम के अफसर 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
 नियम कहता है कि एक साधारण दुकानदार भी अपनी दुकान के नाम का ही बोर्ड लगा सकता है, यदि वह किसी कम्पनी का नाम बोर्ड पर लिखता है तो इसके लिए उसे नगर निगम को राशि देनी होगी। मीडिया पॉलिसी का नियम है कि बिना नगर निगम की अनुमति के कोई भी होर्डिंग या कियोस्क यहाँ तक कि साधारण फ्लैक्स भी नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इन दिनों तो शहर में जहाँ देखो वहीं अवैध तरीके और मनमानी पूर्वक बड़े-बड़े होर्डिंग और कियोस्क लगाए जा रहे हैं। नेता आए और चले गए, लेकिन उनके स्वागत, वंदन और अभिनंदन के लिए मुफ्त का चंदन घिसते हुए लगाए गए खतरनाक होर्डिंग और कियोस्क ज्यों के त्यों खड़े हैं। ऐसे ही पोल कियोस्क नौदराब्रिज से तैय्यब अली मार्ग पर लगे हैं। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे पोल पर लगा एक कियोस्क अचानक ही सड़क पर गिर गया और उसकी चपेट में दो छात्र आ गए। शुक्र था कि उन्हें ज्यादा चोट नहीं लगी और वे व्यवस्था को कोसते हुए आगे बढ़ गए। इस मार्ग पर हर पोल में ऐसे ही अवैध कियोस्क लगे हैं। 
कुछ ही दिनों में महामहिम राष्ट्रपति का आगमन होना है और उसकी तैयारियों में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। ऐसे में भी किसी अधिकारी की नजर इन अवैध और खतरनाक होर्डिंगों या कियोस्क पर नहीं जा रही है। बिजली के पोलों पर निगम के टेंडर के अनुसार जो कियोस्क लगाए जाते हैं उनका एक निर्धारित आकार होता है, उन्हें मजबूती से लगाए जाने की शर्त होती है, ताकि वे गिरें नहीं लेकिन नेताओं, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं द्वारा जो होर्डिंग और कियोस्क लगवाए जा रहे हैं उनकी मजबूती का कोई आधार नहीं है। जिस प्रकार नौदराब्रिज के पास कियोस्क गिरा और छात्र बच गए यदि वे गंभीर रूप से घायल हो जाते तो निगम के पास कोई जवाब नहीं होता। जिसकी लाठी उसकी भैंस 
 नगर निगम के निकम्मे अधिकारियों की कार्यप्रणाली देखकर तो यही लगता है कि इस शहर में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत सच साबित हो रही है। मनमानी करते हुए पूरी दिलेरी के साथ चौराहों, तिराहों, भवनों और बड़े संस्थानों तक को अवैध  होर्डिंगों, पोस्टरों, कियोस्क से ढाँका जा रहा है और निगम केवल मूकदर्शक बना हुआ है। सड़कों पर चलने में भी डर लग रहा है कि न जाने कौन सा होर्डिंग कब गिर पड़े, इससे राहगीर का सिर फूटे या उसकी कार का काँच टूटे किसे क्या मतलब। 
रुपए ही वसूल लिए जाएँ 
 निगम के ही अधिकारियों का कहना है कि जब इस प्रकार अवैध होर्डिंगों को रोकने में नगर निगम का अमला फेल साबित हो रहा है तो फिर उन्हें लगाने वालों से रुपए ही वसूल लिए जाएँ, ताकि निगम का खाली खजाना भर सके, या फिर दुकानदारों और अन्य लोगों को भी पूरी छूट दे दी जाए कि वे भी अपनी मर्जी से जहाँ चाहें वहाँ कुछ भी लगा सकें। यह सब देखकर तो लग रहा है कि आने वाले िदनों में निगम के अधिकारियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी, क्योंकि यह तय है कि अवैध होर्डिंग जिस दिन भी किसी की जान लेंगे तो उसका पूरा दोष निगम के सिर ही आएगा। 

Created On :   26 Feb 2021 2:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story