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दो दिन तक फंदे में छटपटाता रहा तेंदुआ, मौके पर नहीं पहुंचे अधिकारी
डिजिटल डेस्क पन्ना। जिले के जंगलों में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते वन्य प्राणियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा हैै। आये दिन हो रहे शिकार के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही का माहौल हावी होता जा रहा है। जिसका अनुमान जिले के उत्तर वन मंडल अंतर्गत धरमपुर रेंज की रमजूपुर बीट में घटित वारदात के रूप में देखा जा सकता है। जहां एक तेंदुआ दो दिनों तक शिकारियों के फंदे में फंसा छटपटाता रहा वन अमला सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा। जानकारी के अनुसार 13 जनवरी 2020 को भोर सवेरे जंगल जाने वाले लोगों ने रमजूपुर जंगल में ठाकुर बाबा के स्थान के पास फंदे में फंसे तेंदुए की सूचना वन समिति के चौकीदारों को दी मौके पर पहुंच कर पुष्टी करने के बाद चौकीदारों ने इसकी सूचना बीट गार्ड और वन रक्षक को दी तब तक मौके पर काफी लोग पहुंच चुके थे लोगों ने धरमपुर रेंजर बी.के. विश्वकर्मा को भी मामले की सूचना दी पर किसी ने मौके पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा। किसी तरह 14 जनवरी को रात में वन अमला घटना स्थल के लिये रवाना हुआ पर घटना स्थल से काफी दूर एक घर में बैठ कर गप्प मारते रहे। सुबह पता चला कि तेंदुआ फंदे से छूट कर जंगल में भाग गया है। पर वन कर्मियों द्वारा इस बात को किसी से नहीं बताने ग्रामीणों को समझाया जाता रहा। ग्रामीणों और चौकीदारों के अनुसार तेंदुए का बायां पैर शिकारियों द्वारा बाईक के क्लच तार से सुअर या हिरन का शिकार के लिये बनाये गये फंदे में फंसा था। जिससे तेंदुआ पूरे दिन व रात छटपटाता और दहाड़ता रहा। अधिकारियों को कई बार सूचना देने पर दूसरे दिन 14 जनवरी को धरमपुर रेंजर अमले के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल से काफी दूर एक घर में आराम फरमाते रहे और रात्रि लगभग 3 बजे पता चला कि तेंदुआ फंदे से छूट कर भाग चुका है। तभी रेंजर ने सभी को समझाते हुये कहा कि वह तेंदुआ नही लकड़ बग्घा या सियांर था गांव वाले जिन्होंने अपनी आंखों से फंदे में फंसे हुये तेंदुएं को देखा भला वह इस बात को कैसे मान सकते हैं इसी दौरान कुछ ग्रामीणों को रेंजर की धमकी का सामना भी करना पड़ा है। अब वन कर्मी अलग-अलग बता रहे हैं कोई लकड़ बग्घा तो कोई सियार और कोई अज्ञात वन्य प्राणी बता रहा है। सच्चाई बताने वाले चौकीदार को काफी फटकार लगाई गई है हो सकता है उसे नौकरी से भी निकाल दिया जाये।
इनका कहना है-
सूचना मिलने पर 14-15 जनवरी की रात वन अमले के साथ मौके पर रात्रि 2 से 3 बजे तक था ऐसी कोई वारदात सामने नहीं आई फंदे में शायद कोई सियार फंसा था जो हमारे पहुंचने फंदे से छूट कर भाग गया।
बी.के.विश्वकर्मा, रेंजर धरमपुर
Created On :   15 Jan 2020 10:01 PM IST