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गमगीन कर गई माँ-बेटे की - ऐसी विदाई माँ का साया उठते ही टूटने लगीं साँसें, अर्थी उठती इससे पहले बेटे के भी निकले प्राण
रांझी स्थित चंद्रशेखर आजाद वार्ड में घटना, तंगहाली बनी दर्दनाक हादसे की वजह, नम हुई हर आँख
डिजिटल डेस्क जबलपुर । महामारी, लॉकडाउन और फिर तंगहाली के आगे मां-बेटे हार गए। पहले मां चल बसी। मां का साया उठने की खबर लगते ही बेटा बेजान सा हो गया। रांझी स्थित चंद्रशेखर आजाद वार्ड के एक घर में 85 वर्षीय वृद्धा की अर्थी उठने ही वाली थी कि बेटे के भी प्राण निकल गए। किसी के लिए भी यह यकीन करना मुश्किल हो गया कि मां और बेटे इस तरह दुनिया से रुख्सत हो सकते है। इस संबंध में रांझी चंद्रशेखर आजाद वार्ड निवासी कुछ युवकों ने बताया कि मोनी तिराहा और दर्शन सिंह तिराहा के बीच पिछले कई सालों से 85 वर्षीय वृद्धा बय्या बाई और उसका 58 वर्षीय पुत्र लल्लू कुमार निवास कर रहे थे। वृद्धा को जहाँ हर महीने 6 सौ रुपए सरकारी पेंशन मिलती थी, तो वहीं उसका बेटा लल्लू बिजली फिटिंग का कार्य करता था, लेकिन शहर में इन दिनों चल रहे लॉकडाउन के कारण माँ अपनी पेंशन लेने नहीं जा पा रही थी, तो वहीं बेटे का काम-धंधा भी नहीं चल रहा था। इसीलिए कुछ दिनों से वे पेट भरकर खाना तक नहीं खा पा रहे थे। इसी बीच आज शुक्रवार की सुबह 10 बजे वृद्धा की मौत हो गई।
बेहोश हुआ फिर उठा नहीं
क्षेत्रीय युवकों की मानें तो वृद्धा जीवित है अथवा नहीं इसकी जानकारी लेने नगर निगम की टीम को सूचना दी गई और उन्होंने उसे रांझी अस्पताल पहुँचाया। जहाँ चिकित्सकों ने वृद्धा को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वृद्धा का शव घर लाकर दोपहर 2 बजे उसके रिश्तेदारों की मौजूदगी में अर्थी सजाई जाने लगी, यह दृश्य उसका बेटा लल्लू नहीं देख सका और अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। इस दौरान लोगों ने लल्लू को उठाकर चिकित्सकों को सूचना दी वहाँ पहुँचे एक क्षेत्रीय डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
Created On :   1 May 2021 2:32 PM IST