हाईकोर्ट से महिला कर्मचारी को मिली चाईल्ड केयर लीव, कॉलेज ने कर दिया था मना

The MP High Court has directed to give child care leave to a woman teacher
हाईकोर्ट से महिला कर्मचारी को मिली चाईल्ड केयर लीव, कॉलेज ने कर दिया था मना
हाईकोर्ट से महिला कर्मचारी को मिली चाईल्ड केयर लीव, कॉलेज ने कर दिया था मना

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने एक महिला अध्यापक को संतान पालन के लिए चाईल्ड केयर लीव देने के आदेश सरकार को दिए हैं। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने महिला अध्यापकों को अवकाश की पात्रता न होने संबंधी परिपत्र को निरस्त करते हुए उक्त फैसला दिया।
पूजा जैन की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि वे पिछले कई वर्षो से शासकीय कन्या उमावि. कटंगी (पाटन) में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। आवेदिका का कहना था कि हालही में उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिसकी देखभाल के लिये उन्होने संतान पालन अवकाश के लिये आवेदन दिया। संकुल प्राचार्य ने शासन के परिपत्र का हवाला देकर उनका आवेदन निरस्त कर दिया, जिसके खिलाफ यह याचिका दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने शासन के 6 अगस्त 2016 के उस परिपत्र को निरस्त कर दिया, जिसमें महिला अध्यापकों को अवकाश के पात्र नहीं बताया गया था। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को शासकीय सेवकों की तरह चाइल्ड केयर लीव प्रदान करने के निर्देश देकर मामले का पटाक्षेप कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी ने पैरवी की।
अब सिंगल बैंच में नहीं लगेंगे 150 से ज्यादा मुकदमें- हाईकोर्ट में मुकदमा दायर करने वाले पक्षकारों के लिए राहत भरी खबर है। अभी तक हर रोज भारी संख्या में मुकदमें लगने से सभी मुकदमों पर सुनवाई नहीं हो पा रही थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने सभी मुकदमों की सुनवाई की व्यवस्था पुख्ता करने के लिए सभी सिंगल बैंचों के सामने लगने वाले मुकदमों की अधिकतम संख्या 150 तय कर दी है। यानि अब किसी भी बैंच में हर रोज डेढ़ सौ से ज्यादा मुकदमें नहीं लगेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की सभी सिंगल बैंचों के सामने हर रोज 3-3 सौ से अधिक मुकदमें लग रहे थे। इतनी बड़ी संख्या में मुकदमें लगने से सभी मुकदमों पर सुनवाई नहीं हो पाती थी। जो मुकदमें सुनवाई से बच जाते थे, उनमें अगली पेशी की लंबी तारीख मिलती थी। पक्षकारों द्वारा दायर किए जाने वाले मुकदमों की सुनवाई की व्यवस्था पुख्ता करने के उद्देश्य से चीफ जस्टिस के निर्देश पर हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार (ज्यूडीशियल) अरविन्द कुमार शुक्ला ने उक्त आदेश जारी किया है।

 

Created On :   27 Oct 2017 1:40 PM IST

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