तालाबों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट पेश करने ननि को मिली मोहलत

The nanny got an opportunity to submit a report of encroachment on the ponds
तालाबों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट पेश करने ननि को मिली मोहलत
तालाबों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट पेश करने ननि को मिली मोहलत

समय पर रिपोर्ट पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, सुनवाई 5 को 
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर शहर के तालाबों पर हुए अतिक्रमण की रिपोर्ट निर्धारित समय सीमा में पेश नहीं करने पर सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने नगर निगम को रिपोर्ट पेश करने दो सप्ताह की मोहलत दी है। मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को नियत की गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से शहर के सभी तालाबों पर हुए अतिक्रमण की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया गया।  निर्धारित समय पर रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए डिवीजन बैंच ने नगर निगम को दो सप्ताह की मोहलत दे दी।  याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ब्रहमेन्द्र पाठक ने कहा कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण शहर के तालाबों का अस्तित्व मिटता जा रहा है।  
यह है मामला
यह जनहित याचिका गढ़ा निवासी अधिवक्ता विजित साहू ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि एक समय में जबलपुर में 52 ताल और तलैया होते थे। आज स्थिति यह है कि जबलपुर शहर के अधिकांश तालाबों में अतिक्रमण हो रहा है। कचरा फेंके जाने से तालाबों का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। गढ़ा के इमरती तालाब में तीन लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, जिसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 4 दिसंबर को सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से जानकारी दी गई कि इमरती तालाब से अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। 
केंट बोर्ड उपाध्यक्ष का जवाब- कहा, मैंने नहीं किया अतिक्रमण याचिकाकर्ताओं के मकान हैं अवैध
मप्र हाईकोर्ट में मंगलवार को केंट बोर्ड के उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे की ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि उन्होंने किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया है, जबकि याचिकाकर्ताओं के मकान अवैध हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने याचिकाकर्ताओं को जवाबदावा पेश करने के लिए 17 फरवरी तक का समय दे दिया है। केंट बोर्ड उपाध्यक्ष की ओर से जवाब में  बताया गया कि केंट बोर्ड ने उन्हें एक बार अतिक्रमण के मामले में नोटिस जारी किया था, जिस पर उन्होंने अपने जवाब में बताया था कि उनके नाम पर कोई भी संपत्ति नहीं है। इसके बाद केंट बोर्ड ने नोटिस वापस ले लिया था।   

Created On :   20 Jan 2021 8:33 AM GMT

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