लघु वनोपज सहकारी समिति के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज

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लघु वनोपज सहकारी समिति के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य लघु वनोपज सहकारी समिति के चेयरमैन महेश कोरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 2 फरवरी को बुलाई गई बैठक के नोटिस को खारिज कर दिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकल पीठ द्वारा अपने आदेश में कहा गया है कि एक्ट के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर 30 दिन के भीतर बैठक बुलाई जाना थी, लेकिन याचिकाकर्ता के  एक साल 11 महीने बाद अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाई है। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने योग्य है। हाईकोर्ट के आदेश से अब महेश कोरी अपने पद पर बने रहेंगे।

नियमानुसार नहीं है प्रस्ताव
राज्य लघु वनोपज सहकारी समिति के चेयरमैन महेश कोरी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ 27 फरवरी 2017 को समिति के 7 में से 5 संचालकों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अविश्वास प्रस्ताव की जांच सहकारिता आयुक्त द्वारा की गई। सहकारिता आयुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोपों की जांच की। जांच में अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोप निराधार पाए गए। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से 2 फरवरी 2019 को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक का नोटिस जारी किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव, अशोक तिवारी और सिद्द्धार्थ शर्मा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की जांच के बाद क्लीन चिट दे दी गई थी।

प्रदेश में नई सरकार बनते ही याचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावना पूर्वक एक साल 11 महीने बाद अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक के लिए नोटिस जारी किया गया है। सहकारिता अधिनियम की धारा 43 (क) के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर 30 दिन के भीतर बैठक बुलाया जाना अनिवार्य है। राज्य सरकार की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक नियम विरुद्ध है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने राज्य लघु वनोपज सहकारी समिति के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और उस पर चर्चा के लिए 2 फरवरी को बुलाई गई बैठक के नोटिस को खारिज कर दिया है।

 

Created On :   31 Jan 2019 1:22 PM GMT

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