गोहलपुर का छोटा सा ब्रिज दशकों से बड़ी परेशानी बना - चौड़ा करने के बस प्लान बने अमल कभी नहीं हो सका

The plan to widen the small bridge of Gohalpur has been a big problem for decades, it could never be implemented.
गोहलपुर का छोटा सा ब्रिज दशकों से बड़ी परेशानी बना - चौड़ा करने के बस प्लान बने अमल कभी नहीं हो सका
गोहलपुर का छोटा सा ब्रिज दशकों से बड़ी परेशानी बना - चौड़ा करने के बस प्लान बने अमल कभी नहीं हो सका

फ्लाईओवर बनते ही और ज्यादा मुसीबत साबित होने वाला है यह ब्रिज, चौड़े हुए बिना ट्रैफिक जाम से निजात नहीं मिल सकती
डिजिटल डेस्क जबलपुर । 
गोहलपुर थाने से पहले नाले का छोटा सा ब्रिज लाखों की आबादी के लिए हर दिन मुसीबत बना हुआ है। इस छोटी से पुलियानुमा ब्रिज को एक व्यवस्थित फोर ब्रिज में बदलने का प्लान तो कई बारी बना, पर इस पर अमल कभी नहीं हो सका। अब इसका नतीजा यह है कि यह 80 फीट की सड़क में 20 फीट का पुलियानुमा ब्रिज पूरी यातायात व्यवस्था के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। जानकारों का कहना है कि जब दमोहनाका से मदन महल फ्लाईओवर बन जाएगा तो उस हालात में यह और ज्यादा बड़ी परेशानी साबित होने वाला है। फ्लाईओवर बनने के पहले ही इसका चौड़ा होना बेहद जरूरी हो गया है।   अभी दिन के वक्त पीक आवर्स में यहाँ पर एक-एक पग रखना भारी होता है। कोई भी बड़ा वाहन पुलिया में थोड़ा सा फँस जाए तो 200 से 300 मीटर तक यातायात जाम हो जाता है। गोहलपुर तिराहा, दमोहनाका और इसी पुलिया के आगे रद्दी चौकी तक अराजक यातायात के लिए यह पुलियानुमा ब्रिज ही बड़ी वजह साबित हो रहा है। नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि यह जल्द चौड़ा होगा, पर यह दावे और दावे सुनते-सुनते दशकों बीत गए पर इसकी चौड़ाई नहीं बढ़ सकी। 
यह भी कसर पूरी कर देते हैं
इस एरिया में पुलिया के नजदीक ही जो अतिक्रमण हैं, वे यातायात को थोड़ा और कठिन परेशानी भरा बना देते हैं। जैसे ही पुलिया से आगे बढ़ते हैं तो अस्थाई अतिक्रमण, गुमटी और सड़क तक पसरी दुकानें जनता के लिए पग-पग पर परीक्षा लेती हैं। नगर निगम अतिक्रमण दस्ता इन अतिक्रमणों की बाढ़ को देखकर लगता है कि कभी यहाँ आया ही नहीं है। अभी फिलहाल इस पूरे एरिया में पहले से ज्यादा अतिक्रमण बड़ी समस्या साबित हो रहे हैं। 
काम शुरू हुआ, पूरा नहीं हो पाया 
शहर के जब नालों को पक्का किया जा रहा था तो गोहलपुर की इस पुलियानुमा ब्रिज को भी चौड़ा करने का प्लान बना। इस पर कुछ अमल भी हुआ और काम आरंभ हुआ पर बाद में बंद कर दिया गया। इसकी वजह यही बताई गई, जब इस पुलिया को चौड़ा किया जाएगा तो नीचे पेयजल पाइप लाइन को व्यवस्थित करना पड़ेगा। जब तक यह पाइप लाइन शिफ्ट नहीं होगी तब तक किसी भी तरह से इसका चौड़ा हो पाना संभव नहीं हो पाएगा। इस तरह एक छोटी सी प्रक्रिया में हर दिन लाखों की आबादी बड़ी परेशानी झेल रही है। 
ऐसे हालात बनेंगे आगे
बल्देवबाग-दमोहनाका चौराहे की ओर से फ्लाईओवर के ऊपर से अब जो व्यक्ति अधारताल और बायपास के हिस्से में जाना चाहेगा तो सैकड़ों वाहन इसी पुलिया में आकर फँस सकते हैं। इस तरह सैकड़ों करोड़ खर्च कर जिस उद््देेश्य से फ्लाईओवर बनाया जा रहा है उसके पूरे प्रयास को यह पुलिया ध्वस्त कर सकती है। इसको चौड़ा किए बिना किसी तरह से इस एरिया में सहज यातायात संभव नहीं हो सकता है।

Created On :   25 Jan 2021 10:22 AM GMT

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