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पिता की अर्थी को कांधा दे रहे पुत्र को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुराणों में पुत्रधर्म को देख कोर्ट ने दिए अस्थि विसर्जन के आदेश , अदालत के आदेश पर जेल से आरोपी को ग्वारीघाट तक ले गया जेल का बल, खारी
विसर्जन के बाद वापस जेल पहुंचा आरोपी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । अपने पिता की अर्थी को कांधा दे रहे जिस आरोपी को अधारताल पुलिस ने गिरफ्तार किया था, आज उसी को जिला सत्र न्यायालय के आदेश पर अस्थि विसर्जन करने दिया गया। दरअसल, गुरुवार को आरोपी की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि वो अपने मृतक का इकलौता पुत्र है और गरुण और स्कंध पुराण में दिए पुत्रधर्म के मुताबिक अस्थियां सिर्फ वहीं विसर्जित कर सकता है। दोनों पुराणों की पेश की गईं प्रतियों का अवलोकन करने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील मिश्रा ने आरोपी को जेल से खारी विसर्जन कार्यक्रम में ले जाने के निर्देश जेल प्रशासन को दिए। प्रकरण के अनुसार रॉबिन विश्वकर्मा के खिलाफ अधारताल थाने में कई मामले में दर्ज हैं और उस पर ईनाम भी घोषित है। विगत 17 दिसंबर को उसके पिता राजू विश्वकर्मा का निधन हो गया। जब आरोपी रॉबिन अपने पिता की अर्थी को कांधा दे रहा था, तभी अधारताल पुलिस और क्राईम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पुलिस हिरासत में ही अपने पिता को मुखाग्नि दी। इसके बाद उसे कोर्ट ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए।
आरोपी की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पाण्डेय और श्रीमति अंचन पाण्डेय ने गुरुवार को जिला सत्र न्यायालय में एक अर्जी दायर करके रॉबिन को पिता के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में शामिल होने के निर्देश देने की प्रार्थना की। अधिवक्ता द्वय द्वारा पेश की गईं पुराणों की प्रतियों और प्रकरण की
परिस्थितियों पर गौर करने के बाद अदालत ने आरोपी को अस्थि विसर्जन की अनुमति देते हुए सेन्ट्रल जेल प्रशासन को आवश्यक व्यवस्थाएं करने के आदेश दिए। अधिवक्ता श्री पाण्डेय के अनुसार आरोपी रॉबिन को जेल अधिकारियों ने जेल वाहन से बल के साथ दोपहर डेढ़ बजे ग्वारीघाट भेजा और अस्थि संचय करने के बाद अस्थियां ग्वारीघाट में ही विसर्जित की गईं। इसके बाद जेल पुलिस ने रॉबिन को वापस लाकर जेल में दाखिल किया।
Created On :   20 Dec 2019 1:34 PM IST