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पॉलिसी धारक ने कहा- क्लेम न देना पड़े इसलिए भटका रहे
बैंक के माध्यम से पॉलिसी तो ले ली पर जरूरत पडऩे पर नहीं मिल रहा लाभ
डिजिटल डेस्क जबलपुर । बीमा पॉलिसी तीन तरह से वर्तमान में बेची जा रही है। एक तो बीमा कंपनी ने बड़े शहरों में ऑफिस खोल रखे हैं और उसमें एजेंट नियुक्त किए हैं और वे अनेक लुभावने सपने दिखाकर आम लोगों का बीमा कराने में सफल हो जाते हैं। दूसरा ऑनलाइन पॉलिसी बेचने का कारोबार किया जा रहा है। तीसरा बैंक को अधिक कमीशन देकर खातेधारकों व बैंक से लोन लेने वालों को जबरन पॉलिसी दिलाई जाती है क्योंकि खातेधारक को पॉलिसी देने में बैंक को मोटा कमीशन मिलता है, चूँकि बैंक से लोन लेने वाले की मजबूरी होती है कि उन्हें उक्त बैंक से लोन लेना होता है। पॉलिसी खरीदने के बाद जब बीमित को आवश्यकता होती है तो अनेक प्रकार से उन्हें परेशान किया जाता है और अस्पताल में कैशलेस की जरूरत होती है तो वह भी नहीं किया जाता। अनेक प्रकार से बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट व टीपीए के कर्मचारियों द्वारा बीमित को प्रताडि़त किया जाता है। जिम्मेदार पूरी तरह आँखें बंद किए हुए हैं और प्रशासन द्वारा किसी तरह का सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है।
सभी बिल ऑनलाइन जमा करने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
विजय नगर निवासी संध्या पटैल ने बताया कि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से वे बीमा कराते आ रहे हैं। इसमें इलाज के लिए कैशलेस कार्ड भी मिला है। यह बीमा पति मुकेश द्वारा बैंक के माध्यम से कराया गया था। बैंक के अधिकारियों ने दावा किया था कि इसमें अनेक सुविधाएँ हैं और हमेशा कैशलेस की सुविधा उपलब्ध रहती है। 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमण का शिकार होने के कारण मेट्रो अस्पताल में चिकित्सकों की सलाह पर भर्ती होना पड़ा था। बीमा कंपनी ने कैशलेस से मना कर दिया तो उन्हें जेब से 2 लाख से अधिक की राशि का भुगतान करना पड़ा था। अस्पताल के सारे बिल ऑनलाइन जमा किए गए पर किसी तरह की सुनवाई नहीं हुई। बैंक अधिकारियों से संपर्क कर उनके माध्यम से भी बीमा कंपनी को सारे बिल सबमिट किए गए और डाक के माध्यम से भी भेजे गए, उसके बाद भी बीमा कंपनी की टीपीए के जिम्मेदार क्लेम सेटल नहीं कर रहे हैं।
बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 6 इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
इनका कहना है
पॉलिसी हमारे यहाँ से हुई होती तो जल्द ही निराकरण हो गया होता। बैंक के माध्यम से होने वाली पॉलिसी के ऑफिस अलग होते हैं फिर भी आप उन्हें हमारे पास भेजें। हम जल्द ही संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर निराकरण कराने का प्रयास करेंगे।
-जयंत रैकवार, डिवीजनल मैनेजर, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी
Created On :   28 July 2021 5:33 PM IST