बीमित के परिजनों ने कहा अब तो किसी भी तरह का जवाब भी नहीं दे रहे जिम्मेदार

The relatives of the insured said that now they are not even giving any kind of answer.
बीमित के परिजनों ने कहा अब तो किसी भी तरह का जवाब भी नहीं दे रहे जिम्मेदार
मौत के बाद भी यूनिवर्सल सोम्पो ने नहीं दिया बीमा क्लेम बीमित के परिजनों ने कहा अब तो किसी भी तरह का जवाब भी नहीं दे रहे जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमित की हार्ट अटैक से या फिर सड़क हादसे में मौत हो जाती है तो परिजन या फिर नॉमिनी बीमा क्लेम करते हैं तो भी पॉलिसी के नियमों के तहत क्लेम देने में बीमा कंपनियाँ आनाकानी करने में पीछे नहीं हैं। इलाज में कैशलेस व बिल सबमिट करने पर राशि का भुगतान करने में कई तरह के नियमों का हवाला देकर नो क्लेम करने में पहले ही बीमा कंपनी नंबर वन पर है और अब मौत होने के बाद भी जिम्मेदार अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। हालात यह हैं कि बीमा कंपनी के आम आदमी चक्कर लगाए पर या फिर मेल करे पर किसी तरह का जवाब नहीं दिया जाता है। टोल फ्री नंबर भी नाम के रह गए हैं। दस्तावेजों के नाम पर आम लोगों को लगातार बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम तथा टीपीए के अधिकारियों के द्वारा भटकाया जा रहा है। बीमित इन अधिकारियों व कंपनी के प्रबंधकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की माँग प्रशासन व जनप्रनिधियों से कर रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

4 साल बाद भी बीमा कंपनी ने नॉमिनी को नहीं दी राहत

छिंदवाड़ा जिले के रामाकोना तहसील सौसर निवासी राहुल जायसवाल ने बताया कि उसके पिता का यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा हुआ था। प्रतिवर्ष बैंक एकाउंट से प्रीमियम की राशि कट जाती थी। पिता अनिल जायसवाल की बैतूल जिले में वर्ष 2018 में एक्सीडेंट से मौत हो गई थी। पिता कार से वापस घर आ रहे थे तभी वे हादसे का शिकार हो गए थे। उनकी मौत के बाद बीमा कंपनी में इंडियन बैंक के माध्यम से क्लेम किया था। चार साल मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बैंक पास-बुक सहित बीमा कंपनी के द्वारा माँगे गए सारे दस्तावेज बीमा कंपनी भेजे गए थे। बीमा कंपनी के द्वारा क्लेम नंबर सीएल 19117438 जारी किया गया था। क्लेम नंबर जारी होने के बाद यह उम्मीद नॉमिनी को हो गई थी, अब जल्द ही क्लेम की राशि एकाउंट में आ जाएगी पर चार साल होने के बाद भी बीमा कंपनी के द्वारा किसी भी तरह की राहत नहीं दी गई। नॉमिनी बीमा कंपनी व बैंक में लगातार संपर्क कर रहा है पर जिम्मेदार किसी तरह का सहारा नहीं दे रहे हैं। बीमित का आरोप है कि उसे जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। पीड़ित का कहना है जो बीमा कंपनी ने दस्तावेज माँगे थे वे उन्हें सत्यापित कराकर दिए थे। वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि का कहना है कि नियम के अनुसार 70 वर्ष की आयु तक की बीमा क्लेम का कवर होता है और उसके ऊपर नहीं होता है। पॉलिसी धारक की जब मौत हुई उस समय उनकी उम्र 72 वर्ष से अधिक थी इसलिए क्लेम रिजेक्ट किया गया है।
 

Created On :   5 Aug 2022 5:44 PM IST

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