डेयरियों की गंदगी से गोबर की नदी बन चुकी परियट हिरण होते हुए माँ नर्मदा का आँचल भी हो रहा प्रदूषित

The river of cow dung has become a deer due to the dirt of the dairies, the deer is also being polluted.
डेयरियों की गंदगी से गोबर की नदी बन चुकी परियट हिरण होते हुए माँ नर्मदा का आँचल भी हो रहा प्रदूषित
डेयरियों की गंदगी से गोबर की नदी बन चुकी परियट हिरण होते हुए माँ नर्मदा का आँचल भी हो रहा प्रदूषित

डिजिटल डेस्क जबलपुर । वैज्ञानिक मापदंडों के मुताबिक स्वच्छ नदी में बीओडी का स्तर 3 मिलीग्राम/लीटर से कम होना चाहिए। अगर बीओडी का लेवल 3 से ज्यादा है तो इसका मतलब यह है कि वो पानी नहाने, धोने के लिए भी सही नहीं है, लेकिन गोबर की नदी बन चुकी परियट में तो बीओडी का स्तर अक्सर 50 मिलीग्राम/लीटर के आसपास या उसके पार ही मिलता है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि परियट नदी कितनी अधिक प्रदूषित हो चुकी है, जो आगे चलकर हिरण नदी से होते हुए माँ नर्मदा में मिलकर उसका आँचल गंदा कर रही है। 
यहाँ मौजूद डेयरियों के  संचालक मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लाख समझाइश के बाद भी जानवरों का गोबर परियट नदी में ही बहाते हैं। आलम ऐसा है कि डेयरियों से निकली गंदगी के कारण परियट नदी में पानी के स्थान पर गोबर की  परत ही दिखती है। दूर-दूर तक निहारने पर भी नदी में पानी दिखता ही नहीं है। नदी  के पास खड़े होते ही उबकाई आने लगती है।  जानवर भी यदि भूले से नदी किनारों का पानी पी लें तो बीमार पड़ जाते हैं। 
चोरी की बिजली से रोशन डेयरियाँ
जब भी डेयरियों को बंद करने की कार्रवाई होती है सबसे पहले उसकी बिजली काट दी जाती है, लेकिन अब भी कई बंद डेयरियों में रोशनी दिखती है। इससे स्पष्ट पता चलता है कि डेयरी संचालक चोरी की बिजली का उपयोग कर अवैध रूप से डेयरी चला रहे हैं। इनसे बिजली विभाग न तो जुर्माना वसूलता है और न ही सख्ती करता है। यही कारण है कि डेयरी संचालकों के हौसले बुलंद हैं। 
कभी स्वच्छ था पानी
यहाँ के रहवासियों ने बताया कि सालों पहले परियट नदी का पानी  स्वच्छ और कलकल बहता था। पानी अनायास ही मन को लुभाता था, लेकिन अब देखकर अफसोस होता है। कुछ डेयरी संचालक तो पीछे के दरवाजे से कारगुजारी कर रहे हैं, जबकि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिकॉर्ड में उनका बंद होना दर्शाया  जा रहा है। 

Created On :   10 Aug 2020 8:42 AM GMT

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