एचआईव्ही का फैला दायरा,शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिल रहे एड्स के मरीज

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कटनी एचआईव्ही का फैला दायरा,शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिल रहे एड्स के मरीज

डिजिटल डेस्क,कटनी। विश्व एड्स दिवस पर फिर से जागरुकता कार्यक्रम में स्वास्थ्य महकमा और आम लोग सहभागिता निभाते हुए इसके प्रति सचेत करने का काम करेंगे, लेकिन मैदानी हकीकत में आज भी लोग सबकुछ जानते हुए भी अज्ञानता बरत रहे हैं। जिसका परिणाम है कि अब एचआईव्ही का दायरा शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच चुका है।

7 वर्ष में 79 हजार 212 की जांच हुई। जिसमें 151 में एड्स की पुष्टि लैब से हुई। जिसमें 96 पुरुष के साथ 49 महिलाओं की पहचान हुआ। इसमें अभिभावकों से 6 बच्चों में भी संक्रमण पहुंचा। राहत की बात यह है कि अभी टेस्ट और पॉजिटिव मरीजों का अनुपात 0.19 प्रतिशत है। इसके बावजूद सावधान रहने की आवश्यकता सभी को है। सावधानी से ही इस अनुपात को यहीं रोका जा सकता है। अन्यथा जिस तरह से अलग-अलग क्षेत्र में मरीज मिल रहे हैं। उससे संक्रमण फैलने का खतरा भी है।

यह सभी के लिए जानना जरुरी

आईसीटीसी के काउंसलर हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि जागरुकता और सुरक्षा ही इसका बचाव है। इसके बारे में जानें और सुरक्षित व्यवहार अपनाएं। शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क परामर्श एवं एचआईवी जांच हेतु केन्द्र संचालित है। जांच की रिपोर्ट गोपनीय रखी जाती है। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव है तो फिर जल्दी से जल्दी नजदीकी एआरटी केन्द्र में अपना पंजीयन कराएं। चिकित्सकों की सलाह के अनुसार नियमित दवाएं लेते रहें। स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ-साथ समय पर जांच भी जरुरी है।

इस तरह से 7 वर्ष में इसका बढ़ा संक्रमण

वर्ष    टेस्ट   पॉजिटिव            पुरूष   महिला   बच्चे
2016    11225   10              06      03      01
2017    12184   15              09      04      02
2018    13014   20              12      07      01
2019    14122   22              17      05      00
2020    9321    24              17      07      00
2021    8897    29              16      13      00
2022    10449   31              19      10      02
टोटल    79.212  131             96      49      06

अब 30 जगहों में होती है जांच

जिले में जहां एचआईव्ही जांच की सुविधा जिला अस्पताल सहित सिर्फ चुनिंदा केन्द्रों में ही रही। वहीं अब 30 जगहों पर इसकी जांच होती है। समीप में जांच केन्द्र बन जाने से लोग भी केन्द्रों तक आसानी तक पहुंच जाते हैं। जिससे समय रहते उन क्षेत्रों की भी पहचान हो रही है। जिससे स्वास्थ्य महकमा अभी तक अंजान रहा। विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ऐसे जगहों या क्षेत्रों को संवेदनशील मनाते हुए उनमें विशेष सतर्कता बरती जाती है ताकि इसके संक्रमण को संक्रमित महिला या पुरुष से आगे न बढऩे दिया जाए।

समय पर पहचान होने से सुरक्षित सभी 26 नवजात

एचआईवी पीडि़त महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे में संक्रमण की संभावना पर स्वास्थ्य विभाग ने इस बार कंट्रोल पा लिया। जिसकी प्रमुख वजह समय पर पहचान रही। समय पर पहचान होने से और पीडि़त के द्वारा नियमित रुप से दवा लेने पर संक्रमण नवजातों में नहीं पहुंचा। इस वर्ष 26 पॉजिटिव महिलाओं का प्रसव हुआ। राहत की बात यह रही कि इन 26 बच्चों की जब एचआईवी जांच की गई तो सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही। स्वास्थ्य महकमा इस उपलब्धि का हक पीडि़त परिवार और उनके सदस्यों को ही दे रहा है। जिनकी जागरुकता की वजह से अब सभी बच्चे सामान्य बच्चों की तरह ही अपना जीवन यापन कर सकेंगे।
 

Created On :   1 Dec 2022 10:18 AM GMT

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