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तेलंगाना की तर्ज पर होगी रेत की सप्लाई, रेत चोरी रोकने सरकार की नई रणनीति

डिजिटल डेस्क,कटनी। सरकार और प्रशासन रेत की चोरी रोकने के लिए नई रणनीति बनाने पर विचार कर रही है। इसी के चलते गुरूवार को माइंनिग डायरेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में तेलांगाना की तर्ज पर डिपो से रेत की सप्लाई किए जाने पर अफसरों से चर्चा की है।
गौलतलब है कि जिले में रेत का अवैध परिवहन और उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। इसी पर लगाम लगाने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। उपसंचालक खनिज दीपमाला तिवारी ने बताया कि पट्टाधारी के जरिए नदी से रेत को निकालकर डिपो में स्टॉक किए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डिपो में रेत स्टॉक होने के बाद सरकारी दर पर शासन इसकी बिक्री करेगी। इससे रेत की कमी के खत्म होने के साथ सरकारी दर पर लोगों को रेत मिल सकेगी।
ठेकेदारों की मनमानी पर लगेगी लगाम
डिपो से शासन के जरिए रेत की सप्लाई करने से न सिर्फ ठेकेदारों की मनमानी पर लगाम लगेगी, बल्कि तय दर पर लोगों को आसानी से खनिज मिल सकेगा। इस व्यवस्था के लागू होने से जहां रॉयल्टी चोरी और रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर सीधे रोक लगेगी, वहीं खनिज माफियाओं का सिंडीकेट खत्म हो जाएगा। गौरतलब है कि रेत ठेकेदार खनिज का कृत्रिम संकट पैदा कर मनमाफिक दामों पर इसकी बिक्री कर रहे हैं। इतना ही नहीं रेत के कारोबार में सियासी दल के कुछ रसूखदार नेताओं की पार्टनरशिप होने से भी ये स्थिति बन रही है।
क्या होगा फायदा ?
रेत ठेकेदार खदान से रेत की निकासी कर प्रशासन के बनाए गए डिपो में स्टॉक करेगा, डिपो से ईटीपी जारी होगी, इसके बाद सप्लाई की जाएगी। रेत की दर एलॉट खनिज पट्टे के आधार पर तय की जाएगी। भुगतान सीधे टेजरी और डिपो पर किया जा सकता है। इसके साथ ही वाहनों में GPS सिस्टम लगाए जाएंगे, इससे पता चल सकेगा कि खनिज का कहां परिवहन किया गया है। रेत की क्राइसेस खत्म होने के साथ रॉयल्टी चोरी से भी निजात मिलेगी। माइनिंग कार्पोरेशन और खनिज विभाग के अफसर डिपो की निगरानी करेंगे।
Created On :   4 Aug 2017 8:56 AM IST