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दो बेटियों की दास्तां - न बुलाया, न दुख सुनाया, जज्बातों ने दिल पिघलाया
तालाब किनारे मिली नवजात और बोलने में असमर्थ बालिका को मिला अपनों का सहारा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एक दिन पहले अधारताल के एक तालाब किनारे नवजात बच्ची जिस हाल में मिली, उसनेे हर एक दिल को कचोट दिया। ठीक वैसे ही अपनों से बिछड़ी 10 वर्ष की बालिका ब्यौहार बाग में नजर आई। दोनों मामलों में सामान्य पहलू यह है कि दोनों अपना दुख न जाहिर कर पा रहीं थीं, न ही कुछ जताने में सक्षम थीं। शुक्र है.. इनका वर्तमान गुजरे हुए अतीत से बेहतर है।
दिव्या नाम रखा एसपी ने खिलौने भी किए गिफ्ट
अधारताल थानांतर्गत बीते 1 जुलाई को तालाब के पास मिली नवजात बालिका को देखने के िलए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा शुक्रवार को एल्गिन अस्पताल पहुँचे। यहाँ उन्होंने नवजात के संबंध में चिकित्सकों से चर्चा कर उसे दिव्या नाम देते हुए खिलौने, कपड़े एवं झूला भी गिफ्ट किया। पुलिस के अनुसार नगर पुलिस अधीक्षक अधारताल अशोक तिवारी की उपस्थिति में बच्ची के लिए यह सामग्री एल्गिन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.के. खरे एवं बच्चा वार्ड प्रभारी डॉ. नीता पाराशर को भेंट कर बच्ची के स्वास्थ्य संबंधी विषय पर भी एसपी ने काफी देर तक चर्चा की।
लावारिस मिली 10 वर्षीय बालिका को माँ से मिलवाया
बोल पाने में पूरी तरह से असमर्थ 10 वर्षीय बालिका को पुलिस ने सकुशल उसकी माँ से मिलवा दिया है। इस पल बालिका कुछ बोल नहीं पाई लेकिन फ्लाईंग किस के जरिए पुलिस के प्रति अपना आभार जताया। पुलिस के अनुसार बीते 1 जुलाई की रात्रि शीतला माई बंबा देवी रोड निवासी पूजा दुबे नामक महिला अपनी बेटी को खोजते हुए पुलिस कंट्रोल रूम में पहुँची थी।
विगत दिनों वह शाम 6:00 बजे घर से खाना बनाने के लिए जब गई हुई थी तभी रात 9:00 बजे लौटने पर उसने देखा कि उसकी 10 वर्षीय बेटी गायब थी। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बालिका की खोजबीन शुरू की गयी और तभी बेलबाग थाना की उप-निरीक्षक संध्या चंदेल ने रात्रि 12:00 बजे ब्यौहारबाग स्कूल के पास इस बालिका के घूमते पाए जाने संबंधी जानकारी दी। इसके बाद बालिका को गोरखपुर थानांतर्गत स्नेह सदन ले जाकर उसकी माँ से सकुशल मिलवा दिया गया है।
Created On :   3 July 2021 5:00 PM IST