बाघ ने ग्रामीण पर हमला कर किया घायल , तेंदूपत्ता तोडऩे गया था पीडि़त

The tiger attacked the villager and injured, the tendu leaves were broken and the victim was
बाघ ने ग्रामीण पर हमला कर किया घायल , तेंदूपत्ता तोडऩे गया था पीडि़त
बाघ ने ग्रामीण पर हमला कर किया घायल , तेंदूपत्ता तोडऩे गया था पीडि़त

डिजिटल डेस्क खितौली/ कटनी। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के खितौली रेंज के मिडऱा बीट में गुरुवार सुबह सात बजे तेंदूपत्ता तोडऩे गए खितौली निवासी कमलू चौधरी पिता बाबूलाल (42) बाघ ने हमला कर दिया। बाघ ने कमलू के कंधे एवं चेहरे में पंजा मारा, जिससे वह घायल हो गया। बाघ के हमले से तेंदूपत्ता तुड़ाई करने वाले मजदूरों में दहशत फैल गई।  घायल कमलू के भाई प्रीतम के अनुसार अन्य लोगों की तरह कमलू भी झुक कर तेंदूपत्ता तोड़ रहा था, उसी समय झाडिय़ों से निकलकर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ के हमला करने पर कमलू बचाव के लिए चिल्लाने लगा जिसकी आवाज सुनकर भाई बचाने दौड़ा। शोरगुल सुनकर बाघ झाडिय़ों में छिप गया।
प्रीतम ने तुरंत 100 डॉयल को सूचना दी। मौके पर पहुंचे 100 डॉयल वाहन से घायल को खितौली पुलिस चौकी लाया गया। बाघ के हमले की सूचना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अमले को भी दी। सूचना पर बीटीआर के अधिकारी, कर्मचारी पुलिस चौकी पहुंचे। जहाँ पंचनामा बनाकर मुलाहजा के लिए शासकीय अस्पताल बरही भेजा गया। इस दौरान पुलिस चौकी प्रभारी प्रदीप जाटव,  आरक्षक अंकित बडग़ैंया, हरिओम सिंह, कोटवार सोहन दहिया के साथ पार्क विभाग के रेंजर एन. पी. कार्तिकेय,  डिप्टी रेंजर गौतम सोनी, महोबिया व सुरक्षा कर्मी की उपस्थिति रही।
एक माह पहले युवती को बनाया निवाला-
एक माह पहले 9 अप्रैल को इसी स्थान पर बाघ ने महुआ बीनते समय मेड़की की पप्पी आदिवासी को शिकार बनाया था। बाघ युवती का सिर जबड़े में भरकर 40 मीटर खींच ले गया था। उस समय भी युवती की भाभी और चाचा महुआ बीन रहे थे। तीन फरवरी को विजयराघवगढ़ वन परिक्षेत्र के रजरवारा-घुघरी के जंगल में भी बाघ एक युवती रोशनी आदिवासी को निवाला बना चुका है।
मजदूरों में दहशत-
एक माह के अंतराल में दूसरी बार बाघ के हमले से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदूपत्ता की तुड़ाई चल रही है जिससे ग्रामीण जंगल की ओर जाते हैं और बाघ का शिकार बन जाते हैं। वन विभाग ने पूर्व में ही ग्रामीणों को बाघ को लेकर अलर्ट किया था। खितौली रेंज को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बफर जोन घोषित किया है। खितौली रेंजर एन. पी. कार्तिकेय का कहना है कि ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से समय-समय पर सतर्क किया जाता रहता है, यहां काफी समय से बाघ का मूवमेंट है।
 

Created On :   14 May 2020 3:53 PM IST

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