बाघ तस्करों के थे कोडवर्ड, बाल को रेशम, खाल को कहते थे प्लॉट

The tiger smugglers were codewords, the hair was called silk, the skin was called plot
बाघ तस्करों के थे कोडवर्ड, बाल को रेशम, खाल को कहते थे प्लॉट
बाघ तस्करों के थे कोडवर्ड, बाल को रेशम, खाल को कहते थे प्लॉट

डिजिटल डेस्क सिवनी । केवलारी क्षेत्र के खैरी गांव में बाघ शिकार के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। विभागीय टीम ने सरगना समेत दो आरोपियों को धरदबोचा है। पूछताछ में आरोपियों ने जो राज उगले उन्हें भी जानकर पुलिस दंग रह गई। बाघ के शिकार करने के बाद अंगों की तस्करी करने के लिए कोडवर्ड का उपयोग किया जाता था। मूंछ के बाल को रेशम, दांत को कांटे, खाल को प्लॉट और हड्डी को लकड़ी कहते थे। इतना ही नहीं इनका नेटवर्क मप्र नहीं बल्कि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के तस्करों से है। फिलहाल इसकी खोजबीन के लिए एसटीएफ की टीम भी जुट गई है। ज्ञात हो कि खैरी गांव के पास कटंग नाला में बाघ के शिकार के मामले में वन विभाग ने 16 दिसंबर को रामप्रसाद मलगाम को खाल और अन्य अंगों के साथ पकड़ा था। क्रोधसिंह ने ही रामप्रसाद को पेंगुलिन के कंकाल के लिए बालाघाट के लामता भेजा था। इसके लिए उसने उसे दो सौ रुपए दिए थे। रामप्रसाद फंदा लगाने का काम करता है। उसके पास से पंजे में फंसाने वाला फंदा भी मिला है जिसका उपयोग कटंग नाला के पास किए गए बाघ के शिकार में उपयोग किया गया था।
इनका कहना है
बाघ के शिकार मामले में सरगना समेत दो आरोपी और पकड़ में आए हैं। पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है उसके आधार पर जांच पड़ताल की जा रही है, इसमें और भी अहम सुराग हाथ लग सकते हैं
-डीके वासनिक, मंडल प्रबंधक, वन विकास निगम
 

Created On :   23 Dec 2020 3:37 PM IST

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