प्राचीन वास्तु कला की बेजोड़ मिसाल है 900 साल पुराना 'तपोनेश्वर मंदिर'

The unique example of ancient architectural art is the 900-year-old Tuneeshwar Temple
प्राचीन वास्तु कला की बेजोड़ मिसाल है 900 साल पुराना 'तपोनेश्वर मंदिर'
प्राचीन वास्तु कला की बेजोड़ मिसाल है 900 साल पुराना 'तपोनेश्वर मंदिर'

डिजिटल डेस्क,यवतमाल। जिले में ऐतिहासिक धरोहरों की कोई कमी नहीं है। इनमें से ही एक उदाहरण है दारव्हा तहसील का ऐतिहासिक तपोनेश्वर मंदिर। किवंदती है कि माता अनुसया ने वरुण देवता को खुश कर यहां जलकुंड बनवाया था। इस मंदिर पर अब केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग का नियंत्रण है। बरसों से इस मंदिर को जीर्णोद्धार का इंतजार है। 

गौरतलब है कि इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण 900 साल पहले हेमांद्रि राजा ने करवाया था। बोरी अरब से मात्र दो किमी की दूरी पर स्थित प्राचीन तपोनेश्वर मंदिर हेमाड़पंथी मंदिर की श्रेणी में आता है। तपोनेश्वर मंदिर प्राचीन वास्तु कला की बेजोड़ मिसाल है। यहां भगवान शिवजी के दो मुख्य मंदिर होने के साथ ही दो छोटे मंदिर भी हैं। मुख्य मंदिर के बाहर वीरभद्र की मूर्ति स्थापित की गई है। मंदिर के सामने पत्थर के नंदी विराजमान हैं जिन पर की गई नक्काशी अपने आप में अलग पहचान बनाए हुए है।

मुख्य मंदिर के तल से नीचे उतरने पर शिवजी के दर्शन होते हैं जहां पर सावन मास में पानी भरा होता है। पूरे सावन माह के दौरान शिवजी की पिंड पानी में डूबी रहती है। इस मंदिर के सामने गौरीशंकर, कालभैरव, दत्तप्रभु एवं हनुमानजी के भी छोटे मंदिर हैं। मंदिर परिसर पूरे 12 एकड़ में फैला हुआ है जिसमें एक विशाल जलकुंड भी है।
 

Created On :   11 Aug 2017 6:42 AM GMT

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