बिना उचित कारण के अलग रहने पर पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं 

The wife is not entitled to maintenance if she is separated without a valid reason.
बिना उचित कारण के अलग रहने पर पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं 
अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने निरस्त किया निचली अदालत का आदेश बिना उचित कारण के अलग रहने पर पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिला अदालत ने भरण-पोषण के एक मामले में अभिनिर्धारित किया है कि बिना किसी उचित कारण के पति से अलग रहने पर पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं है। इस अभिमत के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विवेक पटेल ने निचली अदालत द्वारा घरेलू हिंसा के मामले में एक महिला के पक्ष में पारित भरण-पोषण का आदेश निरस्त कर दिया है। सदर निवासी मोहम्मद अनीस की ओर से दायर अपील में कहा गया कि उसका विवाह 9 अक्टूबर 2015 को वसीमा बानो के साथ हुआ था। उसकी पत्नी बिना किसी कारण के 13 अप्रैल 2017 को अपने मायके चली गई, उसके बाद वापस लौटकर नहीं आई। उसकी पत्नी ने कुटुम्ब न्यायालय में भरण-पोषण का प्रकरण दायर किया। कुटुम्ब न्यायालय ने 2 मई 2019 को इस आधार पर भरण-पोषण का आवेदन खारिज कर दिया कि आवेदिका बिना किसी उचित कारण के पति से अलग रह रही है। इसके बाद उसकी पत्नी ने निचली अदालत में घरेलू हिंसा का प्रकरण दायर कर दिया। निचली अदालत ने 5 मार्च 2020 को उसकी पत्नी को 2 हजार रुपए भरण-पोषण दिए जाने का आदेश पारित कर दिया। अधिवक्ता संदेश दीक्षित ने तर्क दिया कि कुटुम्ब न्यायालय पहले ही भरण-पोषण का आवेदन खारिज कर चुकी है। ऐसे में निचली अदालत पर कुटुम्ब न्यायालय का आदेश बंधनकारी होगा। इसके बाद भी निचली अदालत ने भरण-पोषण का आदेश पारित कर दिया। सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया है।
 

Created On :   10 Sept 2021 7:38 PM IST

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