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26 जिलों व 392 गांवों को जोड़ने वाले समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम उधार के अधिकारियों के भरोसे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के 26 जिलों व 392 गांवों को जोड़ने वाले समृद्धि एक्सप्रेस-वे कंपनी का गठन किए करीब दो साल हो गए, लेकिन अभी भी कंपनी उधार के अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। उपकार्यकारी अभियंता स्तर के अधिकारी ठेका पद्धति पर रखे गए हैं और वरिष्ठ अधिकारी एमएसआरडीसी के साथ समृद्धि एक्सप्रेस-वे के काम पर लगाए गए हैं।
नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे की लंबाई 701 किमी है और इसके निर्माण पर 46 हजार करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित है। इस एक्सप्रेस-वे के लिए हजारों हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। जमीन अधिग्रहण पर हुआ खर्च निर्माण कार्य पर हो रहे खर्च से अलग है। समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम शुरू से ही सुर्खियों और विवादों में रहा है। इसका निर्माणकार्य 16 पैकेजों में होगा। सरकार ने करीब दो साल पहले एमएसआरडीसी की सब कंपनी के तौर पर नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेस-वे लिमि. बनाया था, लेकिन अधिकारियों की अभी तक स्थायी नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं। कंपनी के लिए एक बार भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था, लेकिन स्थायी अपॉइंटमेंट नहीं हो सके।
नहीं हुआ संपर्क
समृद्धि एक्सप्रेस-वे पैकेज 1 व 2 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक महाजन से मोबाइल पर कई बार संपर्क किया, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। कार्यालय में भी उपलब्ध नहीं हो सके। उनके मोबाइल पर मैसेज भेजा गया, लेकिन जवाब नहीं मिल सका।
नहीं दिया जवाब
एमएसआरडीसी के प्रबंधन निदेशक राधेश्याम मोपलवार से भी मोबाइल पर संपर्क नहीं हो सका। मोबाइल पर मैसेज किया, लेकिन जवाब नहीं मिला।
भर्ती प्रक्रिया का अता-पता नहीं
ठेका पद्धति पर उपकार्यकारी अभियंताआें की नियुक्ति की गई है। एमएसआरडीसी के अधिकारियों को समृद्धि के काम में लगा दिया गया है। समृद्धि के निदेशक अनिल गायकवाड़ हैं, जो डेपूटेशन पर एमएसआरडीसी में हैं। वे मूलत: पीडब्ल्यूडी के हैं। समृद्धि एक्सप्रेस-वे के पैकेज 1 व 2 (नागपुर व वर्धा) की जिम्मेदारी एमएसआरडीसी नागपुर के अधीक्षक अभियंता आलोक महाजन और पैकेज 3 (अमरावती) की जिम्मेदारी संगीता जैस्वाल संभाल रही हैं।
दोनों समृद्धि में प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। एमएसआरडीसी नागपुर के कार्यकारी अभियंता बी. मालखंडाले समृद्धि में मैनेजर बनाए गए हैं। नागपुर से लेकर मुंबई तक एमएसआरडीसी के अधिकारियों को समृद्धि के काम पर लगाया गया है। एमएसआरडीसी में 90 फीसदी अधिकारी मूलत: पीडब्ल्यूडी के हैं। एमएसआरडीसी में डेपूटेशन पर आए अधिकारी समृद्धि का काम देख रहे हैं। कंपनी में कब भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी, यह कहना मुश्किल है।
यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं
समृद्धि एक्सप्रेस-वे को लेकर कंपनी बनाई गई है, लेकिन इसमें पद भर्ती हुई या नहीं यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। एमएसआरडीसी के अधिकारी समृद्धि में काम करते हैं, लेकिन मेरा काम समृद्धि के लिए जमीन से संबंधित है। समृद्धि एक सब कंपनी है, इसमें पद भर्ती, नियुक्ति या एमएसआरडीसी के कितने अधिकारी यहां काम कर रहे हैं, यह मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता। - चंद्रकांत पुलकुंडवार, सह प्रबंध निदेशक, एमएसआरडीसी महाराष्ट्र राज्य मुंबई
Created On :   24 Jan 2020 1:21 PM IST