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फिर मेडिकल यूनिवर्सिटी को तोडऩे की साजिश!

भोपाल में रीजनल सेंट्रलाइज्ड रिवेल्युएशन केंद्र खोलने की तैयारी, कार्यपरिषद् के एजेंडे में शामिल है प्रस्ताव, आज बैठक
डिजिटल डेस्क जबलपुर । अक्सर विवादों में रहने वाला मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है। एक ओर जहाँ अधिकारियों की आपसी खींचतान, रिजल्ट में फर्जीवाड़ा और इंतजार जैसे मामले छात्रों के भविष्य से खेल रहे हैं, वहीं अब मेडिकल यूनिवर्सिटी को एक बार फिर तोडऩे की साजिश रची जा रही है। भोपाल और ग्वालियर में विवि का परीक्षा केंद्र खोलने तथा भोपाल में रीजनल सेंट्रलाइज्ड रिवेल्युएशन केंद्र खोलने का खाका तैयार कर लिया गया है। इसके पूर्व में भी भोपाल में एमयू के एक्सटेंशन सेंटर खोलने के नाम विभाजन की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद जनप्रतिधियों ने आवाज उठाई तो एक्सटेंशन सेंटर ठंडे बस्ते में चला गया। मेडिकल यूनिवर्सिटी में आज होने वाली कार्यपरिषद् की बैठक के एजेंडे में एमयू के विखंडन के इस प्रस्ताव को लाया जा रहा है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है कि तो आने वाले समय इसका सीधा असर यह होगा कि यूनिवर्सिटी के अधिकारी भोपाल में बैठेंगे और जबलपुर में मेडिकल यूनिवर्सिटी भोपाल से बैठकर चलाई जाएगी। मंगलवार की मीटिंग में नहीं पहुँचे सदस्य - मेडिकल यूनिसर्विटी में आज होने वाली कार्यपरिषद् की बैठक दोपहर 12 बजे से होनी है। बताया जाता है कि पहले यह बैठक मंगलवार को होनी थी, लेकिन कुछ कार्यपरिषद् के सदस्यों ने एजेंडा न मिलने कारण बैठक में आने से मना कर दिया। बुधवार को एजेंडा मिलने के बाद बैठक का समय तय किया गया। हालाँकि यह पहली बार नहीं है, जब सदस्यों को बिना एजेंडा बताए ही बैठक रख ली गई। पिछली कई बैठकों में कार्यपरिषद् के सदस्यों को एन मौके पर एजेंडा दिया गया, जिस पर कार्यपरिषद् के सदस्यों ने आपत्ति ली और इस बार बैठक में आने से मना कर दिया। इन प्रस्तावों पर होगा विचार विमर्श - मेडिकल यूनिवर्सिटी के आज होने वाली कार्यपरिषद् की बैठक की कार्यसूची में डबल लॉक निर्माण, सेंट्रलाइज्ड परीक्षा केंद्र भोपाल व ग्वालियर का निर्माण कार्य एवं भोपाल रीजनल सेंट्रलाइज्ड रिवेल्युएशन केंद्र के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए अनुमानित राशि 5 करोड़ रुपये बताई गई है। इसके अलावा कुलपति आवास एवं अतिथि गृह निर्माण, विवि परिसर की बाउंड्री का निर्माण को भी एजेंडे में रखा गया है। वहीं अरबिंदो कॉलेज ऑफ डेंटिस्ट्री इंदौर ने स्वयं का विवि गठन किया गया, जिसमें अपने विवि से पाठ्यक्रम संचालन के लिए अनुमति देने संबंधित प्रस्ताव समेत अन्य प्रस्ताव शामिल हैं।
इसके पहले एक्सटेंशन ऑफिस खोलने की थी तैयारी
मेडिकल यूनिवर्सिटी का एक्सटेंशन ऑफिस खोलने की तैयारी लगभग 1 वर्ष पूर्व भी कर ली गई थी, तब भी कार्यपरिषद् में इस तरह का प्रस्ताव लाया गया था। जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यपरिषद् के सदस्यों की आपत्ति के बाद बात आगे नहीं बढ़ सकी। ऐसे में एक बार फिर भोपाल में पुनर्मूल्यांकन केंद्र के नाम पर यूनिसर्विटी को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।
जब रिवेल्युएशन ही नहीं तो अलग सेंटर क्यों? मेडिकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा परिणामों में रिवेल्युएशन नहीं किया जाता है। यूनिसर्विटी के अधिकारी यह बात बड़े ही गर्व के साथ कहते हैं कि हम परीक्षा कॉपियाँ दो बार चैक करके ही परिणाम तैयार करते हैं। वहीं यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। ऐसे में भोपाल में पुनर्मूल्यांकन के लिए अलग से केंद्र बनाना प्रश्नचिन्ह खड़े करता है।
बाहरी अधिकारियों की साजिश से यूनिवर्सिटी के अस्तित्व पर संकट विवि के कुलपति समेत कुछ अन्य बड़े अधिकारियों का भोपाल मोह छिपा नहीं है। इनमें से ज्यादातर अधिकारी भोपाल में रहकर ही कार्य करना चाहते हैं। पिछले कुछ वक्त में भोपाल में यूनिवर्सिटी से जुड़ा कोई सेंटर शुरू करने की कोशिशें इसी का नतीजा हैं। अगर ये कोशिशें कामयाब होती हैं, तो मेडिकल यूनिवर्सिटी के अस्तित्व पर संकट आ सकता है।
Created On :   17 Jun 2021 3:54 PM IST