एस्केलेटर्स हैं ही नहीं.. भारी भरकम बैग का बोझ तो उठाना ही पड़ेगा

There are no escalators .. You have to bear the burden of heavy bags.
 एस्केलेटर्स हैं ही नहीं.. भारी भरकम बैग का बोझ तो उठाना ही पड़ेगा
 एस्केलेटर्स हैं ही नहीं.. भारी भरकम बैग का बोझ तो उठाना ही पड़ेगा

पौने दो साल पहले रेल प्रशासन ने दो एस्केलेटर्स लगाने की थी घोषणा, अब तक पूरी नहीं हो पाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
क्या करें... इतने बड़े रेलवे स्टेशन पर भारी भरकम बैग लेकर मेन गेट तक जाने के लिए नीचे उतरने वाले एस्केलेटर्स लगे ही नहीं हैं, यात्री बैगेज घसीटने के लिए मजबूर हैं.. यह पीड़ा है मुख्य रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की, जिनके लिए एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाना किसी मुसीबत से कम नहीं है। कहने को तो रेल प्रशासन ने 6 मार्च 2019 को जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं. 1 और 6 पर 2 उतरने वाले एस्केलेटर्स लगाने की घोषणा की थी, लेकिन पौने दो साल का समय बीत जाने के बाद भी यात्रियों को स्टेशन पर भारी भरकम वजन उठाकर या घसीटते हुए देखा जा सकता है। 
नीचे उतरने वाले एस्केलेटर्स की जगह खाली पड़ी है 
यात्रियों शिवम खरे, सुनीता खरे, अनिकेत खोसला ने बताया किमुख्य रेलवे स्टेशन पर कई वर्ष पहले ऊपर चढऩे वाले एस्केलेटर्स लगाए गए थे और उसी समय रेल प्रशासन ने जल्द ही उतरने वाले एस्केलेटर्स लगाने का वादा किया था, लेकिन साल दर साल गुजरते चले गए, लेकिन यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए आज तक नीचे उतरने वाले एस्केलेटर्स की सुविधा नहीं मिल सकी। नीचे उतरने वाले एस्केलेटर्स की जगह अभी भी खाली पड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य रेलवे स्टेशन पर सभी प्लेटफॉर्म को कनेक्ट करने वाले फुट ओवर ब्रिज से जोड़कर प्लेटफॉर्म नं. 1 और 6 पर नीचे उतरने वाले एस्केलेटर्स लगाए जाने चाहिए, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके। 

Created On :   16 Jan 2021 3:35 PM IST

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