चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं में भारी बेचैनी, वोटों का बिगड़ा गणित

There is a lot of restlessness among the leaders who want to contest elections
चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं में भारी बेचैनी, वोटों का बिगड़ा गणित
प्रभाग रचना चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं में भारी बेचैनी, वोटों का बिगड़ा गणित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नगरसेवकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही 4 की जगह 3 नगरसेवकों की प्रभाग रचना करने से चुनाव लड़ने के लिए इच्छुकों के वोटों का गणित बिगड़ गया है। अपने-आप को चुनाव में असुरक्षित महसूस कर रहे चुनाव लड़ने के लिए इच्छुकों ने प्रभाग रचना पर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। आपत्तियां दर्ज करने वालों में अनेक विद्यमान नगरसेवक, पूर्व नगरसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता तथा गणेश मंडलों के पदाधिकारयों का समावेश है। अब तक 67 आपत्तियां दर्ज हुई हैं, जिसमें शुक्रवार को मिली 23 आपत्तियां शामिल हैं। 

अंतिम दिन बड़ी संख्या में दर्ज होंगी आपत्तियां : 1 फरवरी को प्रभाग रचना प्रारूप का जारी  किया गया। उसी दिन से अापत्तियां स्वीकृत की जा रही हैं। अभी तक व्यक्तिगत आपत्तियां दर्ज हुई हैं। 14 फरवरी अंतिम दिन है। उस दिन राजनीतिक दल समेत व्यक्तिगत तथा सामूहिक आपत्तियां बड़ी संख्या में दर्ज होने का अनुमान है। कुछ लोगों ने न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी की है।

साल 2017 के चुनाव में 38 प्रभाग और एक प्रभाग से 4 नगरसेवक चुने गए थे। नई प्रभाग रचना में एक प्रभाग से 3 नगरसेवक चुने जाएंगे। नगरसेवकों की संख्या बढ़ाकर 151 से 156 हो गई है। प्रभाग से 4 की जगह 3 नगरसेवक चुने जाने तथा नगरसेवकों की सीट बढ़ाए जाने से 52 प्रभाग बनाए गए हैं। इस प्रक्रिया में पुराने प्रभाग की काट-छांट कर नए प्रभाग में जोड़े जाने से विभाजन हुआ है। इसमें अनेक नगरसेवकों का प्रभाव क्षेत्र दूसरे प्रभाग में चले जाने से उनके वोटों का गणित बिगड़ गया है।

एक समान आपत्तियों पर सामूहिक सुनवाई : प्रभाग में एक समान एक से ज्यादा ज्यादा आपत्तियों पर सामूहिक सुनवाई की जाएगी। आपत्ति दर्ज करने वाले पांच से छह लोगों को सुनवाई में प्रत्यक्ष उपस्थिति की अनुमति देने की सूत्रों से जानकारी मिली है। 26 फरवरी को अापत्तियों पर सुनवाई की जाएगी।

आपत्तियों में तरह-तरह के तर्क

अधिकांश आपत्तियों में रेलवे लाइन, रास्ते, नाले, बस्ती, सोसाइटी, चाल, कॉलोनी का कुछ हिस्सा तोड़कर दूसरे प्रभाग में जोड़े जाने का तर्क दिया गया है। अधिकांश नगरसेवकों ने उनकी सुविधा का प्रभाग नहीं बनने के कारण आपत्ति दर्ज की गई। कुछ प्रभाग में झोपड़पट्टी जोड़ने तथा न जोड़ने पर भी आपत्तियां दर्ज की गई हैं। कुछ आपत्तियाें में साल 2017 की प्रभाग रचना के समान रचना करने की मांग की है। 

Created On :   12 Feb 2022 6:31 PM IST

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