वैधानिक अधिकार नहीं तो जमीन के आवंटन का सवाल ही नहीं

There is no question of allocation of land if there is no legal right
वैधानिक अधिकार नहीं तो जमीन के आवंटन का सवाल ही नहीं
वैधानिक अधिकार नहीं तो जमीन के आवंटन का सवाल ही नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि अगर वैधानिक अधिकार नहीं है तो जमीन का आवंटन आदेश कैसे दिया जा सकता है। चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने निजी संस्था को भोपाल में एजुकेशन हब बनाने के लिए जमीन आवंटन का आदेश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सिंगल बेंच के पूर्व आदेश को सही ठहराते हुए संस्था की अपील खारिज कर दी।अरेरा कॉलोनी भोपाल स्थित भोपाल स्कूल ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज संस्था के को-चेयरमैन नई दिल्ली निवासी केशव दयाल सक्सेना की अपील में कहा गया कि उन्होंने एक अव्यावसायिक संस्थान व एजुकेशन हब की स्थापना के लिए भोपाल में जमीन आवंटित करने का आवेदन राज्य सरकार को दिया। सरकार की अंतर्विभागीय कमेटी ने बाकायदा इसका अनुमोदन भी कर दिया। प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा गया।उसी समय संस्था की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश दिये, लेकिन संस्था की ओर से दिए गए अभ्यावेदन को खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट ने एक बार फिर सरकार को याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करने को कहा, लेकिन इस बार भी अभ्यावेदन निरस्त कर दिया गया। तीसरी बार हाईकोर्ट की शरण लेने पर 13 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी। इसी फैसले को अपील के जरिए युगलपीठ के समक्ष चुनौती दी गई, जिसे कोर्ट ने हस्तक्षेप के योग्य न पाकर निरस्त कर दिया।
 

Created On :   19 Jan 2020 4:44 PM IST

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