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पानी के लिए मच गया हाहाकार एक-एक बाल्टी को तरस गए लोग

देर रात तक राइजिंग मेन लाइन में चली वेल्डिंग, टैंकर दिखते ही टूट पड़े लोग
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सिविल लाइन का पॉश एरिया और क्या करिया पाथर की गरीबों की बस्ती, जलसंकट सबके लिए एक समान हुआ और इस भीषण उमस वाली गर्मी में शहर का आधा हिस्सा पानी के लिए त्राहिमाम कर उठा। वैसे तो निगम के टैंकर बहुत कम नजर आए लेकिन जिन भी क्षेत्रों में वे पहुँचे वहाँ लोग उन पर टूट पड़े। एक-एक बाल्टी पानी के लिए घंटों का इंतजार हुआ। किसी ने बोतलबंद पानी से प्यास बुझाई तो कोई मजबूरी में कुएँ और हैंडपम्प के पानी को ही पीने मजबूर हुआ। राइजिंग मेन लाइन को जोडऩे का कार्य देर रात तक चला और अब आज सुबह पानी मिलने का दावा जरूर किया गया है लेकिन यह भी उम्मीद है कि बहुत कम पानी मिलेगा। ललपुर वाटर फिल्टर प्लांट की राइजिंग मेन लाइन को सीधा करते हुए नई लाइन से जोडऩे का कार्य गुरुवार की सुबह शुरू किया गया था और उम्मीद थी कि यह कार्य शुक्रवार की शाम तक पूरा हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। शुक्रवार की रात 10 बजे तक भी वेल्डिंग जारी थी। कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि वेल्डिंग कार्य अधिक रहा जिससे इतना वक्त लग रहा है लेकिन जैसे ही कार्य पूरा होगा उसके ठीक बाद प्लांट को चालू कर दिया जाएगा और टंकियों को भरा जाएगा। आपने कहा कि शनिवार की सुबह जलापूर्ति अवश्य की जाएगी लेकिन कुछ क्षेत्रों में पानी कम मिल सकता है।
बोरिंग वाले घरों में लगी रही भीड़
जिन भी घरों में बोरिंग, कुआँ या हैंडपम्प है वहाँ पूरे दिन लोगों की आवाजाही लगी रही और हर कोई दो बाल्टी पानी चाह रहा था। कई लोगों ने दरियादिली दिखाई तो कई लोगों ने बिजली बिल का रोना रोकर पम्प खराब होने का हवाला दिया। सार्वजनिक हैंडपम्पों से जरूर लोगों को पानी मिला और उन्होंने उसी पानी से प्यास भी बुझाई और भोजन भी तैयार करवाया।
होनी चाहिए वैकल्पिक व्यवस्था
शहर में दो बड़े रमनगरा और ललपुर वाटर फिल्टर प्लांट हैं और दो छोटे यानी रांझी और भोंगाद्वार प्लांट हैं। संकट के समय के लिए कोई ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था बननी चाहिए, ताकि लोगों को जलसंकट का सामना ही न करना पड़े। जब किसी एक प्लांट में कोई खराबी हो या सुधार हो तो दूसरे प्लांट से जरूरत वाले क्षेत्रों में पानी पहुँचाया जा सके।
Created On :   3 July 2021 4:42 PM IST