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अभी और कुर्बानियां होंगी, देश में लंबा चलेगा किसान आंदोलन- टिकैत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में किसान आंदोलन लंबा चलेगा। इस आंदोलन में अभी और कुर्बानियां होंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक किसानों के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी कानून नहीं बनाती है तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगी। रविवार को संयुक्त किसान कामगार मोर्चा की तरफ से आजाद मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए एमएसपी के लिए गारंटी कानून बड़ा मुद्दा है। एमएसपी के सबसे बड़े वकील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे हैं। मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार को किसानों के हितों के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाने की सिफारिश की थी। मोदी ने एमएसपी के मुद्दे पर पीएचडी की है। वे देश के प्रधानमंत्री हैं। इसलिए अब एमएसपी की मांग पर अध्ययन के लिए दूसरी समिति का गठन करने की जरूरत नहीं है। लेकिन देश को धोखे में रखा जा रहा है। केंद्र सरकार इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार नजर नहीं आ रही है। टिकैत ने कहा कि जिस तरह कोरोना महामारी देश की जनता के लिए एक बीमारी थी। उसी तरह से तीन कृषि कानून भी देश की जनता के लिए बीमारी थी। दोनों का उद्गम एक साथ हुआ। जिस तरीके से कोरोना खत्म होने से बाकी बीमारियां खत्म नहीं हुई हैं। उसी तरह से तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से किसानों की समस्याएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। केंद्र सरकार किसानों के लिए फसलों के एमएसपी गारंटी कानून बनाए। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार षड्यंत्रकारी, धोखेबाज और बेईमान है। उसका मन साफ नहीं है। वह किसानों को नीचा दिखाकर उन्हें आंदोलन से घर भेजने की कोशिश में है। किसानों को भीख में दिए गए समझौते से संयुक्त किसान मोर्चा मनाने वाला नहीं है। केंद्र सरकार एक टेबल पर बैठकर हमसे समझौता करें।
टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि पूरे देश में जाकर आंदोलन करेंगे। यदि भाजपा ने हमारे आंदोलन को रोकने की कोशिश की तो हम लोग भी उसकी सभाओं को रोकने का प्रयास करेंगे। टिकैत ने कहा कि साल भर से चल रहे किसान आंदोलन में लगभग 750 किसानों की मौत हुई है। किसान आंदोलन में मिली जीत का श्रेय इन्ही मृतक किसानों के परिजनों को जाता है। किसान आंदोलन में मृत हुए किसानों के परिजनों को केंद्र सरकार को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को तेलंगाना और छत्तीसगढ़ सरकार की तरह महाराष्ट्र सरकार भी आर्थिक मदद करे। क्योंकि उन किसानों ने पूरे देश के किसानों की समस्याओं के लिए आंदोलन किया था। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार बीज और डेयरी फार्मिंग के लिए कानून बनाने वाली है। देश में 10 साल पुराना टैक्टर और पंपिंग सेट के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली है। मैं भाजपा के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या वे पुराने टैक्टर और पंपिंग सेट बदलने के लिए शपथ पत्र देंगे? टिकैत ने दावा किया कि भाजपा के नेता मजबूरी के कारण मोदी के खिलाफ बोल नहीं सकते हैं। इसलिए उन्होंने मुझसे कहा है कि आप लोग किसान आंदोलन को पीछे मत लेना। टिकैत ने कहा कि भाजपा के बीच आपस में तोड़फोड़ है। भाजपा के बहुत से लोग मकड़जाल में फंसने के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इसी बीच टिकैत ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तरह वेतन मिलना चाहिए। इसके लिए अब संयुक्त किसान मोर्चा लड़ाई लड़ेगा। टिकैत ने कहा कि मीडिया कर्मियों की अगर किसी हादसे में मौत होती है उनके परिजन को एक करोड़ रुपए मिलना चाहिए।
भूमि अधिग्रहण के संशोधन का वापस ले राज्य सरकार
टिकैत ने कहा कि राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को कम करने के लिए किए गए संशोधन को वापस ले। राज्य सरकार को एसटी कर्मचारियों की मांगों का उचित समाधान करना चाहिए।
Created On :   28 Nov 2021 7:54 PM IST