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जिले के नर्मदा घाटों पर नहीं अतिक्रमण, तटों के बारे में पता नहीं

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। शासन ने जिला प्रशासन को पत्र जारी कर जानकारी मांगी थी, कि नर्मदा के घाटों में कितने अतिक्रमण काबिज हैं। प्रशासन के जिम्मेदारों ने भागादौड़ी कर रिपोर्ट तैयार की, जिसमें बताया गया कि जिले के नर्मदा घाटों पर एक भी अतिक्रमण नहीं है। हालांकि शासन ने यह जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा अनुरुप नर्मदा यात्रा के बाद मंगवाई थी। लेकिन, यहां सवाल यह उठता है कि नर्मदा नदी को संरक्षित करने के लिए क्या सिर्फ घाटों को ही अतिक्रमण मुक्त करवाया जाना है या नर्मदा के दोनों किनारों पर बने तटों को भी कब्जों से मुक्त करवाना है। जानकारों का कहना है कि अतिक्रमण के बारे में चाही गई जानकारी से शासन की मंशा स्पष्ट जाहिर नहीं होती है।
हालांकि यह एक अच्छी खबर है कि नर्मदा घाट अतिक्रमण मुक्त हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार जिले के नर्मदा घाटों पर एक भी अतिक्रमण नहीं हैं। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में भी ये घाट पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त रहें। वहीं नर्मदा के किनारों में स्थित ज्यादातर भूमि का सीमांकन कार्य भी किया जा चुका है।
नर्मदा यात्रा के दौरान हुई थी कार्रवाई
इसी साल आयोजित की गई नमामि देवि नर्मदा यात्रा के दौरान प्रशासनिक स्तर पर घाटों पर अनावश्यक कब्जों को हटवाया गया था। वहीं यात्रा के माध्यम से लोगों में मां नर्मदा-घाटों की सफाई के प्रति आई जागृति के कारण भी यह संभव हुआ हो सका है। बताया जाता है कि रिपोर्ट जबलपुर, शहपुरा और गोरखपुर तहसील के अंतर्गत अाने वाले नर्मदा घाटों को लेकर तैयार की गई है।
तटों पर भी देना होगा ध्यान
जिले के नर्मदा-घाटों को साफ-सुथरा रखने के लिए लोगों में जागृति लाने के साथ ही जिला प्रशासन को सतत निगरानी रखनी होगी। जानकारों की माने तो यही प्रयास नर्मदा के दाेनों किनारों के तटों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए भी किया जाना चाहिए। कहा तो यह भी जा रहा है कि यदि शहपुरा, बरगी, चरगवां, तिलवारा आदि क्षेत्रों से लेकर ग्वारीघाट, उमाघाट, भटौली तक के तटाें की पड़ताल की जाए तो अनेक स्थानों पर अतिक्रमण काबिज हैं।
Created On :   21 Oct 2017 11:30 PM IST