जिले में बढ़ेगा हल्दी का रकवा, प्रोसेसिंग भी होगी - 1300 किसान करते हैं खेती

There will be processing of turmeric in the district, processing will be done - 1300 farmers do farming
जिले में बढ़ेगा हल्दी का रकवा, प्रोसेसिंग भी होगी - 1300 किसान करते हैं खेती
जिले में बढ़ेगा हल्दी का रकवा, प्रोसेसिंग भी होगी - 1300 किसान करते हैं खेती

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में इस बार हल्दी का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही प्रोसेसिंग का कार्य भी शुरू किया जा रहा है। एक-जिला एक फसल के तहत जिले में हल्दी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है। वर्तमान में हल्दी उत्पादन में जिला प्रदेश में सातवें स्थान पर है। इसे पहले स्थान पर लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को हल्दी उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।  जिले में मुख्य रूप से सुवर्णा, सुनैना, सुदर्शन, रोमा, सगुना, सुरोमा किस्म की हल्दी की किस्म उगाई जाती हैं। वर्तमान में जिले में हल्दी का रकवा करीब 670 हेक्टेयर है। वहीं एक लाख 27 हजार क्विंटल हल्दी का उत्पादन होता है। इसे एक हजार हेक्टेयर करने का प्रयास है। वहीं हल्दी की खेती करने वाले किसानों की संख्या करीब 1300 है। इसे 2000 तक करने का प्रयास  है। इसके साथ ही जिले में हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की तैयारी भी है, ताकि किसानों को उनके उत्पादन का जिले में ही पूरा लाभ मिल सके। इसके लिए उनको यहां-वहां भटकना न पड़े।
जिले में सोहागपुर जनपद पंचायत सबसे आगे
जिले में सबसे ज्यादा हल्दी की खेती सोहागपुर जनपद पंचायत के गांवों में की जाती है। यहां हल्दी का रकवा 162 हेक्टेयर है। इसके अलावा गोहपारू जनपद में करीब 138 हेक्टेयर, जयसिंहनगर नगर में 148 हेक्टेयर, बुढ़ार में 113 हेक्टेयर और ब्यौहारी जनपद पंचायत में 109 हेक्टेयर में हल्दी की खेती की जाती है। इस तरह करीब 670 हेक्टेयर में जिले में हल्दी का उत्पादन होता है। अगर संभाग की बात करें तो संभाग के तीनों जिलों शहडोल, उमरिया और अनूपपुर में हल्दी का रकवा 2023 हेक्टेयर है और यहां 33322 मीट्रिक टन हल्दी का उत्पादन किया जाता है।
कम रकवे से होगी शुरुआत

विशेषज्ञों के अनुसार हल्दी उत्पादन के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं है। एक  जिला एक फसल योजना के तहत जिले में ऐसे किसानों को चिन्हित किया जा रहा है, जिनके पास जमीन और सिंचाई के साधन हैं। उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक किसानों से संपर्क कर उन्हें हल्दी उत्पादन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि शुरुआत कम रकवे से की जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसमें शामिल किया जा सके। अगर इसके परिणाम अच्छे रहते हैं तो रकवा बढ़ाया जाएगा। पूरा प्रयास उत्पादन को बढ़ाना है।
इनका कहना है
हल्दी का उत्पादन के लिए किसानों को अमले की ओर से प्रेरित किया जा रहा है। पूरा प्रयास हल्दी उत्पादन में जिले को पहले स्थान पर लाना और हल्दी उत्पादक जिला के रूप में पहचान बनानी है। 
मदन सिंह परस्ते, सहायक संचालक उद्यानिकी


 

Created On :   30 Nov 2020 3:55 PM IST

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