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हाईकोर्ट के आदेश पर इन शिक्षकों को मिलेगी बढ़ी हुई सेलेरी
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। जिला पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दी जाने वाली अतिरिक्त वेतनवृद्धि ग्राम विकास और जल संधारण के 12 दिसंबर 2000 के परिपत्रक के अनुसार बंद कर दी गई थी। इसके विरोध में दायर याचिका में याचिकाकर्ता को 4 माह में अतिरिक्त वेतनवृद्धी देने के निर्देश बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच के जस्टिस एसएस केमकर व जस्टिस एनडब्लू सांबरे की बेंच ने दिया।
राज्य, राष्ट्र पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दो वेतनवृद्धि देने की योजना 1958-59 से शुरु की गई थी। 12 दिसंबर 2000 को ग्रामविकास व जलसंधारण विभाग के परिपत्रक में जिला पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को एक अतिरिक्त वेतनवृद्धी देने का प्रावधान किया गया। उसके अनुसार हर वर्ष जिला पुरस्कार प्राप्त शिक्षक के प्रस्ताव को संभागीय आयुक्त की मंजूरी होने के बावजूद राज्य सरकार ने छठे वेतन आयोग का संदर्भ देकर वर्ष 2009 से आगे दी जाने वाली अतिरिक्त वेतनवृद्धि अचानक बंद कर दी गई। इस नाराजगी के कारण सुभाष जिवरणकर और प्रदिपकुमार ढेंकरे ने वकील शिवकुमार मठपति द्वारा औरंगाबाद बेंच में याचिका दायर की।
याचिका की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दो अतिरिक्त वेतनवृद्धि देने के बजाए नकद राशि देने का निर्णय 2014 के शासन निर्णय के अनुसार लिया था, लेकिन इसके विरोध में नागपुर व मुंबई बेंच में विभिन्न याचिका दायर की गई थी। जिसमें सुरेश भोवरे व धनराज वाणी की याचिका में कोर्ट ने दिए आदेश के अनुसार राज्य सरकार ने 25 जनवरी 2017 को शासन निर्णय जारी कर राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दो अतिरिक्त वेतनवृद्धि देने के कारण जिला पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की वेतनवृद्धि बंद करना गलत है, इस पर सरकार ने निर्णय नहीं लेने की दलील एड मठपति ने दी। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद बेंच ने उक्त निर्णय दिया।
Created On :   31 Aug 2017 2:05 PM IST