महिला कर्मियों को धमकाकर घर का काम कराया, मना करने पर नौकरी से निकाला!

Threatened women workers and made them do household work, fired for refusing!
महिला कर्मियों को धमकाकर घर का काम कराया, मना करने पर नौकरी से निकाला!
महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसर का कारनामा, भोपाल से जांच के आदेश महिला कर्मियों को धमकाकर घर का काम कराया, मना करने पर नौकरी से निकाला!


डिजिटल डेस्क सिवनी। अपनी कार्यप्रणाली के चलते शुरू से विवादों में रहे महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिजीत पचौरी पर दो महिला कर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जिला अस्पताल परिसर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टाप सेंटर में कार्यरत रहीं दोनों महिलाओं ने पचौरी द्वारा प्रताडि़त करने, नौकरी करना है तो घर का काम करने की धमकी देने जैसे आरोप लगाए गए हैं। दोनों महिलाओं की लिखित शिकायत पर संचालनालय, महिला एवं बाल विकास मप्र के संचालक डॉ. राम राव भोंसले ने जिला पंचायत सीईओ को स्वयं जांच कर जांच प्रतिवेदन भेजने के आदेश दिए हैं। इससे महिला एवं बाल विकास विभाग में हड़कंप बताई जा रही। सोमवार को जिला पंचायत सीईओ पार्थ जैसवाल द्वारा शिकायत करने वाली दोनों महिलाओं को अपना पक्ष रखने जिला पंचायत कार्यालय में बुलाया भी गया।  
शिकायत 01-
नौकरी करना है तो घर का करो काम
जिला अस्पताल परिसर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टाप सेंटर में कार्यरत रही महिला हेल्पर ने लिखित शिकायत की है कि वह 21 सितंबर 21 से वन स्टाप सेंटर में कार्यरत है। नियुक्ति के दिन ही जिला कार्यक्रम अधिकारी पचौरी ने अपने घर काम करने बुलाया और मना करने पर धमकाया गया कि नौकरी करनी है तो मेरे घर पर पूरा काम करना पड़ेगा।  
 शिकायत 02-
वन स्टाप सेंटर में ही हेल्पर रहीं एक अन्य महिला कर्मी ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि वह 13 जुलाई 19 से 22 सितंबर 21 तक वन स्टाप सेंटर में कार्यरत थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी पचौरी की नौकरी से निकालने की धमकी के कारण डरकर उनके घर का काम करती रही। लेकिन उनके अभद्र व्यवहार व अकेले में गलत तरीके से हाथ पकड़ लेने के कारण घर का काम करना बंद कर दिया, तो मुझे नौकरी से निकाल दिया, जिससे मैंं मानसिक रूप से प्रताडि़त हूं।
विवादों में नियुक्तियां
महिला एवं बाल विकास विभाग में पिछले साल नवंबर माह में हुई नियुक्तियां भी विवादों में हैं। इन नियुक्तियों में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही है। सत्ताधारी दल के रिश्तेदारों का चयन कर उपकृत किए जाने के आरोप भी लग रहे हैं और कार्रवाई की मांग भी लगातार की जा रही है। हालांकि जिला प्रशासन इस मामले में अब तक चुप्पी साधे हुए है।
इनका कहना है-
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी पर महिला कर्मियों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूर्ण होने तक कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। अभी जांच प्रक्रिया जारी है।
- पार्थ जैसवाल, सीईओ, जिला पंचायत

Created On :   31 Jan 2022 11:03 PM IST

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