दहेज मामले में आरोपी तीन महिलाएं हिरासत में जाने के बाद कर सकती हैं जमानत आवेदनः हाईकोर्ट

Three women accused in dowry case can file bail application after detention: High Court
दहेज मामले में आरोपी तीन महिलाएं हिरासत में जाने के बाद कर सकती हैं जमानत आवेदनः हाईकोर्ट
दहेज मामले में आरोपी तीन महिलाएं हिरासत में जाने के बाद कर सकती हैं जमानत आवेदनः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए बांबे हाईकोर्ट ने तीन महिलाओं को जमानत देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पहले महिलाएं हिरासत में जाए फिर जमानत के लिए आवेदन करे। तीन महिलाओं पर एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। तीन में से दो महिलाएं मृतक की ननद है जबकि एक सास है। हाईकोर्ट ने तीनों महिलाओं के मैजिस्ट्रेट के सामने हाजिर रहने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति  पीडी नाईक ने कहा कि महिलाओं पर गंभीर अपराध का आरोप है। फिर भी इन्होंने खुद को पूछताछ के लिए उपलब्ध कराने की बजाय मैजिस्ट्रेट के सामने जमानत के लिए पहले आवेदन कर दिया जो की कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग को दर्शाता है। इसलिए जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। तीनों महिलाओं के खिलाफ पुणे के शिकारपुर पुलिस स्टेशन में  भारतीय दंड संहिता की धारा 306 व 498 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

न्यायमूर्ति ने सुनवाई के दौरान पाया कि पहले तीनों महिलाओं ने सत्र न्यायालय, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। लेकिन हर जगह इनके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों को मैजिस्ट्रेट के सामने आत्मसर्मपण करने को कहा। लेकिन तीनों ने आत्मसर्मपण के आवेदन के साथ फिर अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर दिया, जो खारिज कर दिया गया। इसके बाद ये महिलाएं फिर से सत्र न्यायालय आयी और वहां से राहत न मिलने के बाद हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया। जिसे न्यायमूर्ति ने खारिज कर दिया। आरोपी महिलाओं की ओर से पैरवी कर रहे वकील अजिंक्य उदाने ने कहा कि मेरे मुवक्किल को इस मामले में फंसाया गया है। मामले में आरोपी एक महिला का छोटा बच्चा भी है। इसलिए उसे जमानत प्रदान की जाए। 

मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने  कहा कि आरोपी हिरासत में गए बिना ही जमानत चाहती हैं। इस स्थिति में आरोपियों को जमानत देना न्याय व्यवस्था का मजाक बनाना होगा। आरोपियों का जमानत आवेदन आधारहीन नजर आता है। इसलिए आरोपियों के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। 


 

Created On :   13 April 2021 9:22 PM IST

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