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5 लाख पौधों की डिमांड, लगाए 97 हजार, बाकी खराब निकले : ऐसे हुआ पौधरोपण घोटाला

डिजिटल डेस्क, सतना। जिले में पौधरोपण के लिए पौधों का इंतजाम भी घोटाले की भेंट चढ़ गया। इंतजाम के बावजूद पौधे वन विभाग से लिये नहीं गए और जो पौधे मंगाए गए वो लगाए नहीं गए। फिलहाल लाखों पौधे जनपद कार्यालय में डम्प पड़े हैं और सूख रहे हैं।
सरकार की मंशानुसार 2 एवं 11 जुलाई को प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर पौधरोपण किये जाने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही यह भी साफ़ किया गया था कि जितने पौधों की आवश्यकता हो, उनकी डिमांड तैयार कर वन विभाग एवं उद्यानिकी से पौधे प्राप्त किये जायें। जिले से 5 लाख पौधों की डिमांड वन विभाग को भेजी गई और वन विभाग ने उतने पौधे तैयार भी करा लिए। लेकिन जब समय आया तो वहां से सिर्फ 97 हजार पौधे ही लिए गए। शेष 4 लाख से अधिक पौधों का इंतजाम यूपी के प्रतापगढ़ की निजी नर्सरी के जरिये किया गया था और ये पौधे जब यहां आए तो सरपंचों ने अधिकांश की क्वालिटी ठीक न होने के कारण पौधे लेने से ही इंकार कर दिया। पौधों की खेप सोहावल जनपद पंचायत के परिसर में डम्प कराई गई थी, तब से वहीं पड़े लाखों पौधे अब सूख गए हैं और उनकी हालत खराब हो गई है।
जुलानिया ने लगाई फटकार
पंचायती राज के एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने पौधे नहीं लग पाने के मामले में सतना के अफसरों को फटकार भी लगाई है। जुलानिया ने कहा कि पौधे पड़े नष्ट हो रहे हैं, लेकिन उनका रोपण तक नहीं करा पाना बड़ी लापरवाही है। उधर दिक्कत यह है कि जुलानिया को अभी तक यह नहीं पता है कि यहां पौधों की खरीदी में भी खेल हो गया है और पौधों की क्वालिटी घटिया होने के कारण सरपंच उन्हें लेने को ही तैयार नहीं हैं ।
सोहावल पंचायत ने खुद किया इंतजाम
नर्सरी से मंगाए गए घटिया पौधे लेने से इंकार करने के बाद तमाम पंचायतों ने अपने स्तर पर भी व्यवस्था कर पौधे लगाए। सोहावल ग्राम पंचायत में 70 पौधे खरीद कर लगाए गए, जबकि यहां की सरपंच ने भी घटिया पौधे लेने से इंकार कर दिया था।
Created On :   11 Aug 2017 12:01 AM IST