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सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों से कराते थे देह व्यापार, गिरोह का पर्दाफाश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। टिकटॉक, विगो, व्हाट्सएप ऐप जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में ढकेलकर मोटी कमाई करने वाले एक गिरोह का मुंबई पुलिस ने भांडाफोड़ किया है। आरोपियों के चंगुल से पुलिस ने तीन लड़कियों को रिहा कराया है जिनमें से दो विदेशी हैं। आरोपी विदेशी लड़कियों के लिए ग्राहकों से चार लाख रुपए तक वसूलते थे। ग्राहकों को सौदा करने के ले पांच सितारा होटलों में कमरा बुक कराना पड़ता था। पुलिस उपायुक्त शिवदीप लांडे ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए आरोपी राजस्थान से सेक्स रैकेट चला रहे थे। मामले की जानकारी मिलने के बाद मुंबई पुलिस की समाजसेवा शाखा ने फर्जी ग्राहक के जरिए आरोपियों पर शिकंजा कसा। संपर्क करने के बाद आरोपियों ने भारतीय लड़कियों के लिए 35 से 40 हजार रुपए और विदेशी लड़कियों के लिए 1 से 4 लाख रुपए तक की मांग की। आरोपियों ने फर्जी ग्राहक को जेड लग्जरी रेसिडेंसी होटल में कमरा बुक करने को कहा। सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों की तस्वीरें भेजी और सौदा तय होने के बाद दो विदेशी और एक भारतीय लड़की को लेकर होटल पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने होटल के कमरे पर छापा मारकर योगेश गहलोत और सूरज कुमार मंडल नाम के आरोपियों को दबोच लिया। लड़कियां लाने के लिए इस्तेमाल की गई कार भी जब्त कर ली गई। पूछताछ में एक आरोपी ने बताया कि रवि मंडल नाम का एक आरोपी है जो रोजाना 10 से 15 गाड़ियां लड़कियों को अलग-अलग जगहों पर लड़कियों को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करता था। मामले में पुलिस को मुख्य सरगना जयेश बोहरा उर्फ टोनी, राजकुमार और रवि मंडल नाम के आरोपियों की तलाश है। मामले को आगे की छानबीन के लिए जुहू पुलिस के हवाले कर दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी लड़कियों की उत्तेजक वीडियो टिकटॉक और विगो जैसे सोशल मीडिया पर अपलोड करते थे। इस वीडियो को देखने के बाद कमेंट करने वालों से चैटिंग शुरू की जाती थी और उनसे सौदा किया जाता था। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने कई सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले लड़कियों से भी संपर्क कर उन्हें काम और मोटी कमाई का लालच देकर देह व्यापार के रैकेट में शामिल किया है।
खुद को बैंक कर्मचारी बताकर एसबीआई के ग्राहकों को चूना लगाने वाले चार गिरफ्तार
वहीं बैंक के ग्राहकों की निजी जानकारी हासिल करने के बाद डेबिट/क्रेडिट कार्ड बंद होने का डर दिखाकर उनसे वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हासिल कर ठगी करने वाले एक गिरोह से जुड़े चार आरोपियों को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ठगी के लिए एक कॉलसेंटर चला रहे थे और मुख्य रूप से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों को निशाना बनाया करते थे। आरोपियों को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ से पुलिस ने दबोचा। मामले का मुख्य आरोपी अरशद उर्फ आकाश चौधरी है। इसके अलावा सौरभ चौहान, सुभम जादौन और आशुकुमार जैन नाम के आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरअसल डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में इसी साल 18 मई को तुकाराम डांगे नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी। डांगे ने पुलिस को बताया कि अपना नाम अभय शाह बताते हुए एक शख्स ने उन्हें फोन किया और दावा किया कि वह एसबीआई बैंक के कस्टमर केयर से बोल रहा है। आरोपी ने डांगे से कहा कि उनका क्रेडिट कार्ड बंद हो गया है अगर उसे फिर से चालू कराना है को अभी मोबाइल पर आने वाला ओटीपी उन्हें बताना होगा जिससे वेरिफिकेशन हो सके। डांगे ने ऐसा ही किया लेकिन कुछ ही मिनटों में उनके खाते से करीब दो लाख रुपए ट्रांसफर होने का संदेश आया। परेशान डांगे ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की और कड़ी मशक्कत के बाद आरोपियों तक पहुंच गई। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि वे लोगों के ठगी गई रकम पेटीएम खाते में ट्रासफर करते थे। इसके बाद बड़े शोरुम से कीमती गहने और मंहगे इलेक्ट्रानिक उपकरण खरीदते थे। आरोपी इन सामानों को कम कीमत को स्थानीय दुकानदारों या ग्राहकों को बेंच कर मोटी कमाई कर लेते थे। पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि आरोपियों ने कॉलसेंटर के जरिए कितने लोगों को चूना लगाया है।
Created On :   24 Dec 2019 7:34 PM IST