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बाघ शावक की निमोनिया से मौत -चल रही थी आखिरी सांसे,टीम पहुंचते ही टूटा दम
डिजिटल डेस्क सिवनी । पेंच टाइगर रिजर्व के बफर एरिया में एक सप्ताह में बाघ की दूसरी मौत हो गई। हालांकि इस बार मौत बाघ शावक की हुई है। वन परिक्षेत्र रूखड़ बफर की सावंगी बीट में एक साल के शावक की मौत हो वन महकमे में हडक़ंप मच गया। प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि मौत कारण निमोनिया था। शव का पीएम कराकर बिसरा फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। अंतिम संस्कार रूखड़ में ही कर दिया गया। ज्ञात हो कि हाल ही में बाघिन शर्मिली की मौत संदिग्ध परिस्थतियों में हुई है।
ये है घटना
गुरुवार को वन अमला गश्त कर रहा था। तभी उन्हें बाघिन के दहाडऩे की आवाज आई। उन्होंने देखा कि दो बाघ शावक लेटे हुए हैं जिसमें से एक कमजोर दिखाई दिया। साथ ही उसकी सांसे भी धीमी थी। तत्काल सूचना पर वन अमला डॉक्टरों की टीम के साथ मौके पर पहुंचा। जब तक टीम उसके करीब पहुंचती तब तक शावक की मौत हो चुकी थी। शाम को नापजोख की गई। उसकी लंबाई 93 सेंटीमीटर और उम्र करीब एक से डेढ़ माह की थी।हालांकि उसके शरीर में कोई चोट के निशान नहीं मिले।
हो जाती हैं मौत
डॉक्टरों के मुताबिक अक्सर बाघिन के शावक दूध पीने में कुछ समय गंवा देेते है और बारिश के मौसम होने पर निमोनिया का संक्रमण बढ़ जाता है। संभवत: शावक के साथ ही ऐसी ही घटना हुई होगी। सही निष्कर्ष पर पंहुंचने के लिए स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फ ॉरेन्सिक हेल्थ नानाजी देशमुख एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में ले जाने का निर्णय लिया गया। पोस्टमार्टम मे प्रथम दृष्टया निमोनिया से मृत्यु होने की संभावना प्रतीत हो रही है।अन्य परीक्षण हेतु सैम्पल्स एकत्रित किये गए है।जांच उपरांत अन्य तथ्य बाद मे प्रकाश में आएंगे।
इनका कहना है
संभवत: मौत निमोनिया के कारण हुई है। फारेंसिक जांच के बाद ही सही स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी।
एमबी सिरसैया,डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व
Created On :   20 Dec 2019 2:39 PM IST