बाघ ने महिला को मौत के घाट उतारा - एक माह से दहशत के साए में जी रहे आधा दर्जन गांवों के लोग

Tiger killed woman - people from half a dozen villages living in the shadow of terror
बाघ ने महिला को मौत के घाट उतारा - एक माह से दहशत के साए में जी रहे आधा दर्जन गांवों के लोग
बाघ ने महिला को मौत के घाट उतारा - एक माह से दहशत के साए में जी रहे आधा दर्जन गांवों के लोग

डिजिटल डेस्क कटनी । बीते एक माह से क्षेत्र में विजयराघवगढ़ रेंज के आधा दर्जन गांवों में एक बाघ आतंक का पर्याय बना है।  हथेड़ा, रजरवारा, घुघरी, खिरहनी, चपना आदि क्षेत्रों में बाघ की दहशत से लोगों के रोजमर्रा के काम नहीं हो पा रहे हैं। लोगों ने खेत खलिहान जाने में भी डर लग रहा है। यह बाघ अभी तक मवेशियों को निवाला बना रहा था लेकिन सोमवार को महिला पर हमले से लोगों में वन विभाग की लापरवाही से गुस्सा है।
बेपरवाह बना रहा वन विभाग
विजयराघवगढ़ वन परिक्षेत्र के रजरवारा एवं घुघरी बीट में पिछले कई दिनों से यह बाघ सड़कों, खेतों में चहल कदमी करता नजर आ रहा था। इस क्षेत्र में
बाघ के मूवमेेंट को वन विभाग जंगल की सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक संकेत मान रहा था लेकिन लेकिन लोगों की जानमाल की सुरक्षा को ताक पर रख दिया। ग्रामीणों की लगातार सूचना के बाद भी वन विभाग ने बाघ को जंगल की ओर खदेडऩे का प्रयास नहीं किया। महिला पर हमले के बाद अब लोगों में बाघ के आमदखोर होने का भय सता रहा है। ग्राम पंचायत चपना निवासी राजेश दाहिया के अनुसार बाघ के घूमने की वन विभाग को कई बार फोन पर सूचना दी गई, पर ध्यान नहीं दिए जाने से अब ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ गई है।
लटक गई थी गर्दन
बाघ ने आखिरकार  सोमवार को एक महिला की जान ले ली। ग्रामीणों के अनुसार घुघरी गांव की निवासी रोशनी गोंड़ (25) पिता प्यारेलाल आदिवासी अन्य महिलाओं के साथ सुबह 8 बजे घर से निकली थी। रअन्य महिलाओं के साथ लकड़ी बीनते समय झाडिय़ों में छिपा बाघ दहाड़ते हुए बाहर आया और  रोशनी पर हमला कर दिया। बाघ ने महिला का गला सीधे मुंह में दबाया और झकझोर दिया जिससे महिला की गर्दन लटक गई। महिला की स्थल पर ही मौत हो गई। बाघ के रोशनी पर हमला करते ही अन्य महिलाएं चीखती हुई गांव की ओर भागीं। जब तक लोग घटना स्थल पर पहुंचते तब तक महिला के प्राण पखेरू उड़ चुके थे और बाघ भी जंगल की ओर भाग गया था। ग्रामीणों के अनुसार रोशनी आदिवासी के पति की कुछ समय पहले मौत चुकी है। पति की मौत के बाद दो बच्चों के साथ वह मायके घुघरी में ही पिता प्यारेलाल के साथ रहती थी और मजदूरी करके भरण पोषण कर रही थी। मृतिका के माता-पिता भी वृद्ध हो चुके हैं। रोशनी की मौत से दोनों बच्चे अनाथ हो गए।
एक दिन पहले हथेड़ा में दिखा था टाइगर
विजयराघवगढ़ रेंजर के अनुसार एक दिन पहले रविवार को हथेड़ा में बाघ के मूवमेंट का पता चला था। जिस पर एसडीओ फारेस्ट के साथ  सर्चिंग की गई थी। पिछले कुछ समय से उक्त बाघ का मूवमेंट हथेड़ा, रजरवारा, घुघरी, खिरहनी, चपना आदि क्षेत्रों में देखा जा रहा है। वन विभाग की भूमिका केवल ग्रामीणों समझाइश देेने तक सीमित है। जबकि नेशनल पार्क बांधवगढ़ प्रबंधन से समन्वय स्थापित कर बाघ को कोर एरिया में शिफ्ट कराने के प्रयास करना चाहिए।
इनका कहना है
घुघरी निवासी रोशनी पिता प्यारेलाल आदिवासी की सोमवार सुबह 10-11 बजे के बीच जंगल में बाघ के हमले में मौत की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी भी घटना स्थल पहुंचे थे। पुलिस ने महिला का पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। महिला के परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में दस हजार रुपये की राशि दी गई है।
- व्ही.एस.चौहान, रेंजर विजयराघवगढ़
 

Created On :   4 Feb 2020 1:44 PM IST

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