राकेश टिकैत बोले - अभी मिठाई न बांटे, एमएसपी गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आंदोलन

Tikait said - do not distribute sweets, movement will continue till the MSP guarantee law is enacted
राकेश टिकैत बोले - अभी मिठाई न बांटे, एमएसपी गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आंदोलन
नरम नहीं हुए तेवर  राकेश टिकैत बोले - अभी मिठाई न बांटे, एमएसपी गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत तेवर नरम पड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। टिकैत ने कहा कि संसद में तीन कृषि कानूनों को निरस्त होने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी कानून बनने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। शुक्रवार को टिकैत पालघर में भूमिसेना-आदिवासी एकता परिषद की ओर से आयोजित मोर्चा में शामिल हुए। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक कृषि कानून को संसद से रद्द नहीं कराती और एमएसपी के लिए कानून नहीं बनाती है तब तक आंदोलनरत किसान दिल्ली की सीमा पर डटे रहेंगे। टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने टीवी चैनल पर आकर घोषणा की है। लेकिन कानून रद्द करने का कागज क्या है? प्रधानमंत्री ने हमारे साथ तो कोई बातचीत नहीं की है। कोई किसान अपने घर के बाहर नहीं बैठा है कि दिल्ली के कहने के बाद वह घर के भीतर चले जाएंगे। दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन किसी के रहमोकरम से नहीं चल रहा है। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र में एमएसपी पर अपना रूख स्पष्ट करे। इसके अलावा केंद्र सरकार बिजली समेत अन्य विधेयकों पर चर्चा शुरू करने के लिए समिति का गठन करे। केंद्र सरकार अब बातचीत का महौल बनाए। हमें हर मसले पर आंदोलन करने की नौबत न आने दी जाए। टिकैत ने कहा कि एमएसपी के लिए गारंटी कानून बन जाएगा तो पूरे देश के किसानों को इसका लाभ होगा। 

मिठाई न बांटे, अभी जारी रहेगा आंदोलन

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद देश की आम जनता को ज्यादा उत्साहित होकर लड्डू और मिठाई बांटने की जरूरत नहीं है। किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा। प्रधानमंत्री की घोषणा पर विश्वास न होने के सवाल पर टिकैत ने पलटकर पूछा कि क्या आपको 15-15 लाख रुपए मिल गए? टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से अभी तक लगभग 600 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। साल भर से किसानों ने दिल्ली की सीमा को घेर का रखा है। केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए। उत्तर प्रदेश और पंजाब के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से कानून वापसी का निर्णय लिए जाने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा। सरकार को अपना नफा और नुकसान देख कर फैसला लेना चाहिए। 

Created On :   19 Nov 2021 6:59 PM IST

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