- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- झुका निगम प्रशासन, हुईं माँगें...
झुका निगम प्रशासन, हुईं माँगें पूरी, हड़ताल समाप्त - दिन भर ताले लटकते रहे मुख्यालय और सभी जोन कार्यालयों में, कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना काल में एक दिन की ही हड़ताल में आखिरकार नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों की सभी माँगों को स्वीकार कर लिया। हड़ताल लम्बी खिंचती तो जनता को परेशानी होती इसे देखकर ही प्रशासनिक अधिकारियों ने कर्मचारी नेताओं से चर्चा की और जायज माँगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद शाम को हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गई। हालाँकि इससे पहले भी कई बार आश्वासन मिल चुके हैं और कुछ माँगें पूरी नहीं होती हैं जिस पर कर्मचारी फिर आंदोलन की राह पकड़ लेते हैं। सातवें वेतनमान की राशि, पेंशनर्स कर्मियों का रुका हुआ ग्रेच्युटी का भुगतान, कर्मचारियों की लम्बित जाँचों को समाप्त करना, राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर अनर्गल दबाव न डालना, सभी जोनों में कर्मचारियों को मास्क, ग्लव्ज और सेनिटाइजर प्रदान करना, 30 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमितिकरण करना सहित कर्मचारियों का छूटा हुआ डीए प्रदान करने जैसी माँगों को लेकर कई माह से निगम कर्मचारी प्रबंधन से चर्चा कर रहे थे लेकिन कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल का निर्णय लिया गया। शुक्रवार को निगम कर्मी मुख्यालय में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया गया। हर विभाग में ताले डाले गए और जोन कार्यालयों को भी बंद कराया गया। हड़ताल को संज्ञान में लेकर निगमायुक्त संदीप जी आर ने तकनीकी अधिकारी कर्मचारी संघ के पदाधिकारी राम दुबे, कपिल दुबे, राकेश समुंद्रे आदि से चर्चा की। इस दौरान निगमायुक्त ने अपर आयुक्त टीएस कुमरे और महेश कुमार कोरी से विमर्श कर कर्मचारी संघों की सभी माँगों को मंजूर कर शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस पर संघों के पदाधिकारियों ने संतोष व्यक्त करते हुए हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।
भटकते रहे जरूरी काम से आए लोग निगम में हड़ताल की जानकारी न होने पर कई लोग परिसर में भटकते देखे गए। रांझी से नगर निगम आए सुरेंद्र देव ने बताया कि वह अपने पिताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने आया है क्योंिक बैंक वाले प्रमाण पत्र माँग रहे हैं। आज ही बैंक में जमा करना था लेकिन यहाँ तो हड़ताल है और अब दो दिन छुट्टी रहेगी। इसी प्रकार टैक्स के बिल को सही कराने आईं श्रीमती आशा अपनी बेटी के साथ काफी देर इंतजार करती रहीं लेकिन जब ताले नहीं खुले तो वापस लौट गईं।
Created On :   5 Jun 2021 6:27 PM IST